राष्ट्रपति भवन में हुई नोएडा की 'दादी की रसोई' की सराहना

प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति नए साल के मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहे लोगों से मुलाकात करते हैं. इस दौरान समारोह में सामाजिक उन्नति व उत्थान के लिए काम करने वालों को सम्मानित भी किया जाता है. इसके अलावा कला, पर्यावरण, तकनीक व शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी विशेष योगदान देने वाले लोगों को भी राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया जाता है. इसी क्रम में दादी की रसोई के संचालक समेत अन्य लोग शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 4, 2020, 04:47 AM IST
    • नोएडा के सेक्टर-29 में स्थित है दादी की रसोई, मिलता है 5 रुपये में भोजन
    • कर्नाटक के बेलगाम में देवदासी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली शोभा गास्ती भी पहुंची राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन में हुई नोएडा की 'दादी की रसोई' की सराहना

नई दिल्लीः राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को नोएडा की चर्चित संस्था 'दादी की रसोई' की सराहना हुई. संस्था के संचालक अनूप खन्ना और उनकी पत्नी से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. दोनों ही नये साल के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में आमंत्रित थे. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रसोई के संचालक की गरीबों को 5 रुपये में खाना खिलाने की योजना की सराहना की. इनके अलावा राष्ट्रपति ने 59 सामाजिक हस्तियों से मुलाकात की. 

यह था मौका
दरअसल प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति नए साल के मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहे लोगों से मुलाकात करते हैं. इस दौरान समारोह में सामाजिक उन्नति व उत्थान के लिए काम करने वालों को सम्मानित भी किया जाता है. इसके अलावा कला, पर्यावरण, तकनीक व शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी विशेष योगदान देने वाले लोगों को भी राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया जाता है. इसी दौरान शुक्रवार को 59 लोगों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. 

इसलिए प्रसिद्ध है दादी की रसोई
नोएडा के सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स में समाजसेवी अनूप खन्ना दादी की रसोई के जरिये से पिछले चार सालों से 5 रुपये में गरीबों को खाना खिलाने के साथ ही 10 रुपये में कपड़े भी देते हैं. भोजन के लिए गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स में दोपहर 12 से 2 बजे तक सैकड़ों लोगों की भीड़ रहती है. इस रसोई की शुरुआत अनूप खन्ना की मां की इच्छा के कारण हुई थी, इसके बाद से इसका नाम दादी की रसोई प्रचलित हो गया. शुरुआत में कुछ लोग पहुंचते थे. अब करीब 500 लोग यहां से भोजन पाते हैं. अनूप के अनुसार 5 रुपये लेने के पीछे इतना उद्देश्य है कि लोग स्वाभिमान से भोजन कर सकें. 

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और भी कई हस्तियों ने की मुलाकात
केरल के अलपूजा जिले में अपने खेत को ही 40 साल में जंगल में तब्दील करने वाली 86 साल की वयोवृद्ध देवकी अम्मा ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की. देवकी अम्मा पिछले 40 साल में लगभग साढ़े तीन हजार से ज्यादा पौधे लगा चुकी हैं. इसमें एक हजार लुप्त प्राय और दुर्लभ प्रजाति के पौधे हैं. जबकि आरिफा ने पश्मीना की हाथ कताई को भी जीवित किया है.

कर्नाटक के बेलगाम में देवदासी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली शोभा गास्ती 360 गांवों में अपनी मुहिम चला रही हैं. 

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