नई दिल्ली: दुनिया पर महाविनाश का संकट मंडरा रहा है. एक या दो नहीं चारों तरफ से दुनिया के खात्मे के संकेत दिखाई दे रहे हैं. पृथ्वी पर तबाही का सैलाब आने वाला है और फिर दुनिया का नक्शा बदल जाएगा. ऐसा भी हो सकता है कि दुनिया से पूरी मानव सभ्यता का ही अंत हो जाए.


दुनिया में महाविनाश की तारीख 29 अप्रैल


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हाल ही में ज़ी मीडिया के रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि कैसे दुनिया का अंत होने वाला है. खुद NASA ने इसकी पुष्टि की थी कि आने वाले 29 अप्रैल को दुनिया बदल जाएगी. हो सकता है कि ये तारीख मानव सभ्यता के लिए आखिरी तारीख हो. इसी कड़ी में आपको हम समझा रहे हैं कि कैसे पूरी दुनिया पर महाविनाश का संकट से चारों तरफ मंडरा रहा है.


मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल में अंतरिक्ष से एक Asteroid धरती से टकरा सकता है, जो तबाही मचाने के लिए बड़ा कारक साबित हो सकता है. बताया जा रहा है कि इस Asteroid की रफ़्तार 31 हज़ार किमी./घंटा है और वैज्ञानिकों ने तो ये भी दावा किया है कि ये Asteroid हिमालय जितना बड़ा हो सकता है. NASA ने इस बात की पुष्टि की है कि ये Asteroid धरती के बेहद करीब से गुजर सकता है. इसके साथ वैज्ञानिकों को इस बात की आशंका भी है कि अगर ये Asteroid धरती से टकराया, तो महाविनाश होना लगभग निश्चित है.


महाविनाश की नई तारीख! क्या 29 अप्रैल को 'खत्म' हो जाएगी दुनिया?


...तो क्या कोरोना से बर्बाद हो जाएगी दुनिया?


कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया है. सुपरपावर अमेरिका में ज्यादा लोगों के एक जगह जमा होने पर रोक है. सरकार हर दिन एडवाइजरी जारी कर रही है. सुबह से शाम तक खूब अपीलें की जा रही हैं. 8 और देश कोरोना की जद में आ गए हैं. दुनिया में कोरोना के कुल Confirmed मामले 1 लाख 79 हज़ार 112 हो गए हैं.
मौतों का आंकड़ा 7 हज़ार 4 सौ 26 तक पहुंच गया है. पूरी दुनिया कोरोना से डरी हुई है और खौफ के बीच अफवाहों की चिंगारी आग का काम कर रही है.


दुनिया के बड़े-बड़े देशों में PANIC का माहौल है LOCK DOWN के डर से MALLS और सुपर मार्केट में कई किलो मीटर लंबी लाइनें लगी हुई है. लोग सामान जमा करने पर लगे हुए हैं साबुन, सैनिटाइज़र और टॉयलेट पेपर के लिए लड़ाई हो रही है. इतना ही नहीं अब तो NASA में भी कोरोना का मामला सामने आया है.



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ऐसी स्थिति को देखते हुए ये कहना गलत नहीं है, कोरोना महाविनाश की एक बड़ी कारक साबित हो सकती है. पहले ही विश्व के विनाश का खतरा मंडरा रहा है. अब दुनिया में कोरोना के कहर ने हर किसी को ये सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि क्या ये कोरोना कहीं महाविनाश का रास्ता तो नहीं है.


जल प्रलय से होगा दुनिया का खात्मा?


ग्लेशियरों का पिघलना भी दुनिया की बर्बादी की एक बड़ी वजह साबित हो सकती है. नासा ने इस बात की पुष्टि की थी कि थ्वायटेस (Thwaites) नाम का ग्लेशियर बेहद तेजी से पिघल रहा है. इसका पिघलना पूरी दुनिया के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है. इस ग्लेशियर का आकार भारत के गुजरात राज्य जितना विशाल है.


आपको बता दें,  थ्वायटेस (Thwaites) ग्लेशियर अंटार्कटिका के पश्चिमी इलाके में स्थित है. समुद्र के भीतर इस ग्लेशियर की चौड़ाई करीब 468 किलोमीटर है. इसके पिघलने से ये बड़ी-बड़ी चट्टानों के रूप में टूट रही है. जिसके पिघलने के चलते पूरी दुनिया पर जल प्रलय की आशंका जताई जा रही है.


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दुनिया पर मंडरा रहा है परमाणु युद्ध का संकट


अमेरिका के एक विश्वविद्यालय न्यू ब्रून्सविक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट से यह चौंका देने वाली जानकारी दी है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो सिर्फ इन दोनों देशों के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी भयानक स्थिति पैदा हो जाएगी. इस शोध में ये सामने आया है कि दोनों देशों के बीच वैश्विक परमाणु आयुधों के एक फीसदी से भी कम ऐसे हथियारों का उपयोग अत्यंत दुखद परिणाम सामने आ सकता है. युद्ध के स्तर पर तापमान में गिरावट आ सकती है और वर्षा एवं सूर्य की रोशनी में कमी आने की संभावना है. ऐसी स्थिति आती है, तो परमाणु युद्ध के संकट के साथ-साथ दुनिया की बर्बादी का ट्रेलर भी लॉन्च हो जाएगा.


भगवान न करे भारत-पाकिस्तान के बीच कभी परमाणु युद्ध हो !


बन रही है विश्व युद्ध स्थिति, दुनिया की बर्बादी से थमेगा वार?


अमेरिका और ईरान की बीच छिड़ी जंग और सीरिया-तुर्की के बीच युद्ध के हालात को देखते हुए पूरी दुनिया दो हिस्सों में बंटी दिख रही है. ईरान और अमेरिका के बीच जंग के हालात से तीसरे विश्व युद्ध की संभावना दिखाई देने लगी. जिसे 'महाविनाश' का काउंटडाउन माना जा रहा है. अमेरिका और ईरान के बीच दो-दो हाथ को देखते हुए हक कोई इस बात की आशंका जता रहा है कि 'वर्ल्ड वॉर 3' की आहट सुनाई देने लगी है.


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दुनिया पर महाविनाश के साथ-साथ महाप्रलय का भी संकट मंडरा रहा है. दुनिया के खात्म होने की संभावना जताई जाने लगी है. इस बीच बड़ी महामारी बनकर उभरी कोरोना वायरस से भी पूरा विश्व सहमा हुआ है. लेकिन जल प्रलय, परमाणु युद्ध और विश्व युद्ध दुनिया के तबाही में बड़े दूत साबित हो सकते हैं.


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