नई दिल्ली. वास्तव में भारत पाकिस्तान के बीच होने वाला युद्ध न केवल इन दोनों देशों के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी भयानक स्थिति पैदा कर सकता है. इन दोनों देशों के बीच अब युद्ध ही न हो इसकी अपेक्षा की जानई चाहिए कयोंकि युद्ध की स्थिति में भारत भले ही ऐसा न करे, किन्तु पाकिस्तान की जिहादी सोच ऐसा करवा सकती है और तब होने वाला सीमित या असीमित परमाणु युद्ध से आधुनिक इतिहास में वैश्विक स्तर पर सबसे दुखद खाद्यान्न संकट को जन्म दे सकता है.
अमेरिका से आई है रिपोर्ट
अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में शोधार्थियों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट से यह चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है. इस तरह के इस पहले अध्ययन में कहा गया है कि किन्ही भी दो देशों के बीच वैश्विक परमाणु आयुधों के एक फीसदी से भी कम ऐसे हथियारों का उपयोग अत्यंत दुखद परिणाम सामने ला सकता है. परमाणु आयुधों के सीमित उपयोग वाले युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर तापमान में गिरावट आ सकती है और वर्षा एवं सूर्य की रोशनी में कमी आने से दुनियाभर में खाद्यान्न उत्पादन एवं व्यापार करीब दस सालों के लिए लिए बाधित हो सकता है.
दूरगामी होंगे प्रतिकूल परिणाम
अमेरिका के न्यू ब्रून्सविक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत-पाक युद्ध का असर 21 वीं सदी के आखिर तक मानवजनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से भी बहुत ज्यादा होगा. ये शोधारती कहते हैं यदीपति वैश्विक तापमान में वृद्धि का कृषि उत्पादकता पर व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है, लेकिन तापमान में अगर गिरावट आये तो उसका वैश्विक फसल वृद्धि पर क्या प्रभाव पड़ेगा - इसकी जानकारी अभी नहीं के बराबर ही है.
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दस करोड़ जानें जाएंगी
साइंस एडवांसेज नामक यूरोप की एक अंग्रेजी पत्रिका रॉबोक का एक अध्ययन भारत पाकिस्तान युद्ध के परिणामों पर किया गया एक अध्यनन प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन में पाया गया है कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो सीधे ही 10 करोड़ लोग तुरंत मारे जाएंगे और इसके बाद दुनियाभर में भुखमरी पैदा हो जाएगी.
वातावरण पर विकराल प्रभाव
भारत-पाक परमाणु युद्ध से अंतरिक्ष के वायुमंडल में 50 लाख टन काला धुंआ पैदा होगा और कम से कम पांच साल के लिए धरती का तापमान 1.8 डिग्री कम हो जाएगा. इतना ही नहीं, बारिश में आठ प्रतिशत की कमी आ जायेगी और सूर्य की रोशनी भी कम हो जाएगी.
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