नई दिल्ली: भारत में डिजिटलाइजेशन जैसी नीतियां तभी सफल हो पा रही हैं जब मोबाइल कनेक्शन की पहुंच काफी लोगों की जद में आ गई है. यूएन के सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्य की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में भारत प्रदर्शन अच्छा रहा है. भारत में मोबाइल कनेक्शन धारकों की संख्या हाल के दिनों में काफी बढ़ी है. आंकड़ों के लिहाज से यह माना जा सकता है कि 2030 तक भारत अपने सतत विकास लक्ष्य को आसानी से पा सकता है.
इसका एक सबसे बड़ा कारण संचार युग में आई क्रांति भी है. मोबाइल कनेक्शन की पहुंच सब तक इसलिए पहुंच पा रही है क्योंकि सरकारी फैसलों और बाजार में मु्क्त व्यापार संबंधी नियमन लागू किेए गए जिससे विदेशी कंपनियां खासकर मोबाइल कंपनियां अच्छी खासी संख्या में फल-फूल पाईं.
एसडीजी टारगेट के करीब भारत
एसडीजी को नीति आयोग की ओर से दिए गए आंकड़ों में यह दर्शाया गया कि भारत में मोबाइल कनेक्शन का टारगेट 2030 तक के लिए 100 लोगों में से 100 का रखा गया है. जबकि साल 2019 में भारत में 100 में से 88.4 लोगों के पास मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध है. पूरी आबादी तक यह पहुंच जल्द ही पूरी हो सकती है.
7 राज्यों में टारगेट के पार पहुंचा प्रति व्यक्ति मोबाइल कनेक्शन
राज्यवार स्थिति को देखें तो प्रति व्यक्ति 100 के हिसाब से सिक्किम में 3.66, मिजोरम में 6.01 और अरूणाचल प्रदेश में 7.42 लोगों के पास मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध है. वहीं बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्यों में देश की राजधानी दिल्ली टॉप पर है जहां प्रति 100 व्यक्ति मोबाइल कनेक्शन का टारगेट पार कर गया है. दिल्ली में 225.5, हिमाचल में 144.17 और पंजाब में 122.79 के आसपास है. प्रति 100 व्यक्ति मोबाइल कनेक्शन में दिल्ली, हिमाचल, पंजाब के अलावा केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात में भी एसडीजी टारगेट रखे गए लक्ष्य को पार कर गया है.