7th Pay Commission: जानिए क्या है 'पे मैट्रिक्स' जिसके आधार पर निर्धारित होगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी

सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी रहात भरी सामने आ रही है. काफी लंबे समय से सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी बढ़ने का इंतजार कर रहे लाखों कर्मचारियों को जल्द ही तोहफा मिलने वाला है.  

 

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देशभर के केंद्रीय कर्मचारी लंबे वक्त से सातवें वेतन आयोग के तहत अपना सैलरी बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं. सातवां वेतन आयोग लागू होने के बावजूद अभी तक कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिला पाया है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी कर्मचारी की सैलरी में बदलाव करेगी.  

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हाल ही में, सातवें वेतन आयोग के तहत पे मैट्रिक्स की भी घोषणा की गई है. बता दें कि यह पे मैट्रिक्स ग्रेड पे का ही दूसरा रूप है. जिसके आधार पर कर्मचारी का वेतन निर्धारित किया जाएगा. 1 अप्रैल 2021 से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अहम बदलाव होंगे. पे मैट्रिक्स के माध्यम से उन समस्याओं का निराकरण ढूंढने का प्रयास किया जाएगा, जिन समस्याओं का समाधान ग्रेड पे के स्तर पर नहीं ढूंढा जा सका है. 

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अब सरकारी कर्मचारियों को वेतन ग्रेड पे के आधार पर नहीं बल्कि पे मैट्रिक्स के आधार पर तय किया जाएगा. इसके तहत कर्मचारी नौकरी जॉइन करते समय ही यह जान सकेंगे कि उन्हें उनके करियर में इस नौकरी से कितना लाभ होगा. आने वाले समय में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में होने वाली वृद्धि भी पे मैट्रिक्स के आधार पर ही तय की जाएगी.  

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7 वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था. नया वेतनमान आने के बाद ग्रॉस सैलरी में 14% का इजाफा हुआ. नई सैलरी में पे मैट्रिक्‍स (Pay Matrix) के आधार पर सैलरी निर्धारित की जाएगी. इससे पहले कर्मचारियों के वेतन का स्तर ग्रेड पे के आधार पर तय होता था, जबकि अब यह पे मैट्रिक्स के आधार पर तय होता है. 7वां वेतन आयोग के तहत, सिविल कर्मचारियों, रक्षा बलों और मिलट्री नर्सिंग होम के लिए अलग-अलग पे मैट्रिक्स तैयार किया गया है.

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7 वां वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है. इस नए वेतनमान के आधार पर क्लास वन के अधिकारी की नियुक्ति अब न्यूनतम 56,100 रुपये प्रति माह के वेतन पर होगी. सातवें वेतन आयोग के तहत, भत्ते और पेंशन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश की गई है.