दिल्ली को आग लगाने वाले दंगाईयों के '9 बड़े हथियार'

दिल्ली की शांति को बर्बाद करने के लिए बड़ी तैयारी की गई थी. दंगाइयों ने हर मुमकिन हथियार जुटाए थे. हथियार भी एक दो दिनों में नहीं बल्कि कई हफ्तों में जुटाए गए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की शांति को बर्बाद करने के लिए बड़ी तैयारी की गई थी. दंगाइयों ने हर मुमकिन हथियार जुटाए थे. हथियार भी एक दो दिनों में नहीं बल्कि कई हफ्तों में जुटाए गए थे. पेट्रोल बम, ईंट-पत्थर, रॉड और डंडे, पिस्तौल और तमंचे, एसिड के पाउच, चाकू और धारदार हथियार और इन सबों के इस्तेमाल के लिए छोटी गुलेल और बड़ी मोबाइल गुलेल. ये सबकुछ देश की राजधानी दिल्ली में मिले. कई घातक सामान तो खुद को जनप्रतिनिधि बताने वाले "दंगा फैक्ट्री" के सरदार ताहिर हुसैन के अड्डे से बरामद हुए. देश के दिल को दहलाने के लिए सबकुछ किया गया. एक से बढ़कर खतरनाक हथियार इस्तेमाल किए गए. पत्थर, गुलेल, एसिड पाउच, पेट्रोल बम लगातार कई दिनों तक इन हथियारों के जरिए निर्दोषों पर हमले किए गए. लोगों की हत्या की गई. सैकड़ों लोगों को घायल किया गया. आपको हम बता रहे हैं कि दंगाइयों के 9 हथियार कौन-कौन से थे. इसके साथ ही आपको ये भी समझाएंगे कि इन हथियारों को किस लिए इस्तेमाल किया गया.

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कोल्ड ड्रिंक की बोतलों में पेट्रोल भरा और बोलत की मुंह पर कपड़ा लगातक उससे पेट्रोल बम तैयार किया गया. जिसका इस्तेमाल तबाही मचाने के लिए किया गया.

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दंगाईयों ने सरेआम फायरिंग की. यहां तक कि पुलिस के सामने हथियार तानकर अपनी हेड़की दिखाई गई.

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पत्थर से भरी बोरियां मिली, इसका इस्तेमाल करके लोगों ने दिल्ली को कश्मीर बनाने की कोशिश की.

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दंगे के दौरान मशाल का इस्तेमाल करके दंगाईयों ने घर और गाड़ियों को जलाया.

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चाकू जैसे हथियारों से हमला किया गया. अंकित शर्मा के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ये साफ हो गया है कि धारदार हथियार और चाकू गोदकर उन्हें मारा गया.

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रॉड और डंडे से हमला किया. दंगे में राह चलते लोगों समेत सैकड़ों लोगों को दंगाई रॉड और डंडे का इस्तेमाल करके उन्हें शिकार बनाते हैं.

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तेज़ाब को प्लास्टिक में भरकर फेंका, एसिड के पाउच से किसी भी व्यक्ति को भारी नुकसान हो सकता है. दंगाई आग भड़काने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करते हैं.

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छोटी गुलेल का पत्थरबाजी में इस्तेमाल किया गया. दंगाईयों ने पुलिसवालों को पत्थरबाजी का शिकार बनाया था.

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रिक्शे पर लोहे के एंगल से बनाई गई. इस बड़े गुलेल से दूर की जहग को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया.