Bharat Bandh: भारत बंद के विरोध में है ये आदिवासी नेता, PM मोदी के करीबी का आरक्षण पर अलग स्टैंड क्यों?

Kirodi Lal Meena on Bharat Bandh: राजस्थान सरकार से इस्तीफा दे चुके मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भारत बंद का विरोध किया है. वे इसके समर्थन में नहीं हैं. किरोड़ी खुद एक आदिवासी नेता हैं, फिर भी वे भारत बंद के पक्ष में नहीं हैं. आइए, जानते हैं क्यों?

  • Aug 21, 2024, 09:08 AM IST

Kirodi Lal Meena on Bharat Bandh: किरोड़ी लाल मीणा पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. इमरजेंसी के दौर में उन्होंने PM मोदी का सहयोग किया था. किरोड़ी लाल मीणा आरक्षण वाले मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पक्ष में खड़े हैं. आइए, जानते हैं कि उन्होंने क्या तर्क दिया है?

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आज दलित संगठनों और कई राजनीतिक दलों की ओर से भारत बंद बुलाया गया है. इस भारत बंद के समर्थन में मायावती और चंद्रशेखर समेत कई नेताओं ने अपना पक्ष रखा है. लेकिन इसी बीच एक ऐसे आदिवासी नेता भी हैं, जिन्होंने भारत बंद को बेतुका बताया है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खड़े हैं. इनका नाम किरोड़ी लाल मीणा है.  

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किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान सरकार से इस्तीफा दे चुके मंत्री हैं. इनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है. किरोड़ी लाल मीणा भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता हैं. वे सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इससे पहले राज्यसभा सांसद थे. किरोड़ी पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता माने जाते हैं. मीणा समाज पर इनकी अच्छी-खासी पकड़ है.

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किरोड़ी लाल मीणा ने साफ कहा है कि वे आरक्षण के मुद्दे पर वे सुप्रीम कोर्ट के आब्जर्वेशन के साथ हैं. उन्होंने कहा कि क्रीमीलेयर पर विचार किया जाना चाहिए. किरोड़ी मीणा ने अपनी निजी राय रखते हुए कहा कि मेरे गांव में एक व्यक्ति 30 साल से पहाड़ खोदकर मजदूरी करके अपना पेट पाल रहा है.जबकि मैं डॉक्टर भी बन गया, मेरा भाई IRS और IAS बन गया. फिर मैं मंत्री भी बन गया. लेकिन, वह आदमी कुछ नहीं बन पाया. उसे अवसर मिलना चाहिए. 

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि राज्य सरकार के पास SC-ST कोटा में सब कैटेगरी बनाने और उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता देने का अधिकार हो. किरोड़ी मीणा का भी यही कहना है कि अब क्रीमीलेयर को आरक्षण की जरूरत नहीं है.

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ऐसा कहा जाता है कि किरोड़ी लाल मीणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी हैं. इमरजेंसी के दौरान किरोड़ी गुजरात जाकर मोदी से गुप्त तरीके से प्रचार सामग्री लाया करते थे. एक बार पुलिस ने किरोड़ी को अरेस्ट कर लिया था. उन्हें बहुत पीटा लेकिन उन्होंने मोदी के नाम का खुलासा नहीं किया.