पिता, ऐसी भारी आवाज कि बच्चे अक्सर सहम जाते हैं, लेकिन इन्हीं शब्दों में वो फिक्र छिपी है जो दुनिया में कोई और नहीं करता. हमारे लिए दुनिया की हर खुशी बटोरने में व्यस्त पापा की नजरें हमेशा यह देखती हैं कि उनके लाडले को कोई परेशानी तो नहीं. किसने कहा पिता सख्त हैं, वो सिर्फ हर समय का सामना करने के लिए मजबूत हैं.
'बाप का दिल हर वक्त कड़क नहीं, अक्सर मजबूर होता है.' वर्ष 2014 में रिलीज हुई फिल्म 'बॉबी जासूस' (Bobby Jasoos) का यह डायलॉग काफी फेमस हुआ, हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई. फिल्म में विद्या बालन (Vidya Balan) को लीड रोल में देखा गया था. इस फिल्म में उन्होंने अपने लुक के साथ कई एक्सपेरिमेंट किए थे. उनके अलावा इसमें अली फजल, अर्जन बाजवा और तन्वी आजमी भी अहम किरदारों में थे.
'मेरा बेटा कोई गुजरा हुआ वक्त नहीं, जो लौटकर वापिस नहीं आ सकता' बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में कई अहम पहलुओं को पेश किया गया था. वैसे, तो इस फिल्म में कई ऐसे डायलॉग्स हैं जिन पर सिनेमाघरों में खूब तालियां और सीटियां बजी. पिता और बेटे की खूबसूरत स्टोरी ने दर्शकों के दिलों को छू लिया था. फिल्म में रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) को लीड रोल में देखा गया था.
'जो बच्चे अपने मां-बाप को प्यार नहीं दे सकते, सहारा नहीं दे सकते, मान-सम्मान नहीं दे सकते. उन्हें मैं कभी माफ नहीं करता.' वर्ष 2003 में रिलीज हुई फिल्म 'बागबान' में बोले गए इस डायलॉग ने हर माता-पिता और बच्चे के दिल को छुआ. फिल्म की कहानी भी दर्शकों के बीच काफी पसंद की गई थी. फिल्म में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और हेमा मालिनी (Hema Malini) को लीड रोल में देखा गया था.
'जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी...' वर्ष 1995 में रिलीज हुई फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (Dilwale Dulhania Le Jayenge) का ये डायलॉग आज भी उतना ही फेमस हैं जितना उस समय था. फिल्म के क्लाइमेक्स सीन में यह डायलॉग अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने बोला था. फिल्म जब रिलीज हुई तो यह हर किसी की जुबां पर था. काजोल (Kajol) और शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी.
'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के' 2016 में रिलीज हुई फिल्म 'दंगल' में आमिर खान (Aamir Khan) ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जो समाज के विपरित जाकर अपनी बेटियों को पहलवान बनाने की ठान लेता है. यह फिल्म महावीर सिंह फोगाट और ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पहली भारतीय गीता फोगाट (Geeta Phogat) की जिंदगी पर आधारित थी. इस फिल्म को भारतीय सिनेमा की सबसे खूबसूरत फिल्मों में से एक माना जाता है.