रंगों का त्यौहार यानी कि होली आने वाली है.सोचिए अगर आपकी जिंदगी में कोई रंग ही ना हो, तो कैसी होगी आपकी जिंदगी? शायद हम ऐसी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते. जिंदगी में अलग-अलग तरह के रंग हो तो जीवन बेहद खूबसूरत लगता है. आइए जानते हैं कौन सा रंग किस बात का प्रतीक होता है. यह होली आप जमकर खेलिए, क्योंकि हर रंग कुछ कहता है...
पीला रंग शुरुआत से ही दोस्ती और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. जब भी हम अपने दोस्त का कोई गुलाब देना का सोचते हैं तो सबसे पहले हमारे ध्यान में पीले रंग का गुलाब आता है. होली तो बिखरे संबंधों को भी एक कर देने का दिन है और इसके रंग करीबी संबंधियों में और भी प्रेम भर देते हैं. पीला रंग सखा भाव को दर्शाता है. पीले रंग को आरोग्य, शांति और एश्वर्य का प्रतीक माना जाता है. इस रंग का प्रभाव मानव मस्तिष्क पर पड़ता है. दवी-देवताओं का भी पीला रंग सबसे प्रिय होता है. इसलिए पीले रंग से जमकर होली खलिए.
रंगो में सबकी सबसे पहली पसंद लाल रंग ही होता है. यह रंग शुभता का प्रतीक है और आशा की किरण जगाता है. लाल रंग को ऊर्जा, उत्साह, महत्वाकांक्षा, उग्रता, उत्साह और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है. लाल रंग को हमेशा से ही शुभ कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन सही मायने में लाल रंग रक्षक की भूमिका निभाता है. तो फिर इस होली अपने चाहने वालों को लाल रंग से रंग डालिए.
केसरिया रंग निरोगी तन और मन का प्रतीक है. यह आध्यात्मिकता का प्रतीक है. यह धार्मिक ज्ञान, तप, संयम और वैराग्य का रंग है. शुभ संकल्प का सूचक है. केसरिया रंग को बलिदान का प्रतीक माना जाता है. यह रंग राष्ट्र के प्रति हिम्मत और निस्वार्थ भावनाओं को दर्शाता है. इसलिए होली खेलें और केसरिया रंग में रंग जाएं.
हरा रंग हरियाली, शीतलता, ताजगी, और सकारात्मकता का प्रतीक होता है. हरें रंग में हरे-भरे मैदान, पर्वत, और नदियों के किनारे शामिल हैं. हरा मधुर रंग है. यह मन को शांति देता है. हरे रंग से आत्मविश्वास, प्रसन्नता और शीतलता मिलती है. यह रंग संपन्नता और गतिशीलता दर्शाता है. इस होली जी भरकर अपने आसपास के लोगों को हरे रंग से रंग दें.
नीले रंग जिंदगी में कोमलता और स्नेह के साथ वीरता, पौरुषता का प्रतीक माना जाता है. मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग बल, और वीर भाव का प्रतीक है. ऐसा बल जिसमें मर्यादा है और अहंकार बिल्कुल नहीं है. धार्मिक दृष्टिकोण से भी इस रंग का काफी महत्व है. इस होली अपनों के साथ नीले रंग से जरूर खेंले.
भगवा रंग खुशमिजाजी और सामाजिक सरोकार का प्रतीक है. इस रंग से मानसिक शक्ति काफी मजबूत होती है और सामाजिक संबंध भी मजबूत होते हैं. अग्नि का शुद्ध रूप भगवा ही है गीता के अनुसार अग्नि हर किसी को पवित्र कर देती है. इस रंग के प्रयोग से व्यक्ति ज्ञानवान और विचारवान होता है. भगवा रंग में हल्की सी पीली झलक दिखाई देती है.