अमेरिका समेत लगभग 117 देशों में बाल विवाह की अनुमति है. 'युनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड' के मुताबिक विश्व स्तर पर हर 5 में से 1 लड़की 18 साल की उम्र से पहले या तो शादीशुदा हो जाती है या फिर अनौपचारिक संबंध में होती है.
नई दिल्ली: इराक में शिया इस्लामिस्ट पार्टियां संसद में इराक के पर्सनल लॉ में संशोधन के लिए दबाव बना रही हैं, जिसके तहत वहां 9 साल की उम्र तक की बच्चियों की शादी की अनुमति होगी. इस संशोधन ने महिला और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं में गुस्सा पैदा कर दिया है. इन देशों में भी लड़कियों के बाल विवाह की अनुमति है.
साल 2016 में 'प्यू रिसर्च सेंटर' के एक डाटा के मुताबिक अमेरिका समेत लगभग 117 देशों में बाल विवाह की अनुमति है. 'युनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड' के मुताबिक विश्व स्तर पर हर 5 में से 1 लड़की 18 साल की उम्र से पहले या तो शादीशुदा हो जाती है या फिर अनौपचारिक संबंध में होती है.
बाल विवाह की समस्या मुख्य रूप से कम विकसित देशों में बेहद गंभीर है, जहां 36 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है और 10 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल से पहले हो जाती है. 'स्टेटिस्टा' के मुताबिक यह समस्या अफ्रीकी देशों में सबसे ज्यादा है.
नाइजर में लड़कियों के बाल विवाह का दर सबसे ज्यादा है. यहां 18 साल से कम उम्र की 75 प्रतिशत लड़कियां शादीशुदा हैं, जिनमें से लगभग 30 प्रतिशत लड़कियां 15 साल से कम उम्र की हैं. नाइजर के बाद सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड और माली में भी लड़कियों की शादी की उम्र कानूनी तौर पर लड़कों से कम है.
नाइजर और चाड में लड़कियों के लिए कानूनी उम्र 15 साल और लड़कों के लिए 18 साल है. गिनी में लड़कियों की शादी के लिए कानूनी उम्र 17 साल और लड़कों के लिए 18 साल है. UNFPA की एक स्टडी के मुताबिक 68 देशों में बाल विवाह, जो इन विवाहों का 90 प्रतिशत है साल 2030 तक लगभग 35 बिलियन डॉलर की लागत से समाप्त किया जा सकता है.
इराकी लोगों ने इस नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. उनका मानना है कि यह कानून इराक में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों पर नकारात्मक तरीके से प्रभाव डालेगा. कानून को लेकर महिला अधिकार कार्यकर्ता सुहलिया अल असम ने कहा,' इराकी समुदाय इन प्रस्तावों को अस्वीकार करता है. यह कदम इराक की महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अपमानजनक है. हम इसी के विरोध में सालों से लड़ रहे हैं.'