नाम एक और किरदार अनेक. ऐसी ही कई खूबियां छिपी हैं बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस जया बच्चन में. अभिनेत्री से राजनेता बनीं जया ने जिंदगी के हर मुकाम पर खुद को साबित किया है. जया का जन्म 9 अप्रैल 1942 को जबलपुर में हुआ था.
जया ने जितनी ज्यादा चर्चा में अपने किरदारों को लेकर रही हैं, उतनी ही वह अपनी निजी जिंदगी के कारण भी सुर्खियों में रहीं. जया ने खासतौर पर अपनी शादी को बचाने के लिए हर मुश्किल का अकेले ही डटकर सामना किया. आज भी जब जया और अमिताभ बच्चन की बात होती है तो इसमें रेखा का नाम जरूर आता है.
जया और अमिताभ 1973 में शादी के बंधन में बंधे थे. इसके 3 साल बाद 1976 में अमिताभ और रेखा फिल्म 'दो अनजाने' का हिस्सा बने. इसके बाद से ही दोनों के अफेर्स की खबरें मीडिया में आने लगीं. इसी के साथ जया बच्चन की नाराजगी की खबरें भी खूब सुनने को मिली.
इन्हीं खबरों से परेशान होकर एक दिन जया ने अमिताभ की गैर-हाजरी में रेखा को खाने पर बुलाया और उन्हें अपने पति से दूर रहने की हिदायत दे डाली. इसके बाद रेखा और अमिताभ कभी साथ नहीं दिखे. इस डिनर के बाद यशराज की 'सिलसिला' में जया, अमिताभ और रेखा साथ दिखे. इन तीनों पर्दे पर साथ लाने के लिए यशराज ने कई पापड़ बेले.
दरअसल, एक दौर वह भी था जब हर मैगजीन और अखबारों में जया, अमिताभ और रेखा के लव ट्रायंगल के किस्से छपा करते थे. हालांकि, इन तीनों ही हस्तियों ने कभी इस रिश्ते पर खुलकर बात नहीं की. जया इस तरह की मुश्किलों के सामने कभी नहीं टूटी.
जया की जिंदगी का सबसे कठिन पल तब आया जब उन्होंने पहली बार रेखा की मांग में सिंदूर देखा. यह बात तब की है जब ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी हो रही थी. इस शादी में बॉलीवुड की लगभग हर हस्ती पहुंची थी. कहते हैं कि इस दौरान रेखा ने जब एंट्री की तो हर किसी की नजर ऋषि और नीतू से ज्यादा रेखा पर टिकी हुई थीं.
रेखा भी यहां बाकी सभी की तरह सज-धजकर पहुंची थीं. रेखा बेहद खूबसूरत दिख रही थीं, लेकिन उनकी मांग के सिंदूर ने सभी का ध्यान खींचा. हर कोई उन्हें देखकर हैरान था. वहीं जया बच्चन के तो जैसे होश उड़ गए थे. वह खुद को संभाल ही नहीं पाई और उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे.