चांदी की पायल को पैरों में पहनना काफी शुभ होता है. ये आपके सोलह श्रृंगार में से एक होती है. पैरों की खूबसूरती को बढ़ाने के साथ-साथ इसे आपके सुहाग की निशानियों में से भी एक माना जाता है. ज्योतिष में चांदी को उपचार, प्रेम और भावनाओं की धातु के रुप में जाना जाता है. चांदी को किसी भी रूप में पहनने से आपकी कुंडली में चंद्रमा भी मजबूत होता है. इसके साथ ही ये आपके जीवन से कलेश को भी दूर करता है.
पैरों में पायल पहनना न सिर्फ महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाता है, बल्कि इसे बहुत शुभ भी माना जाता है. इसे सोलह श्रृंगार में से एक कहा जाता है. यह आपके पैरों की खूबसूरती को तो बढ़ाती ही है, इसके साथ ही ये आपके सुहाग की निशानी भी मानी जाती है. चांदी आपके पैरों को शीतलता पहुंचाने का भी काम करती है. इसके साथ ही इससे आपको कई फायदे भी मिलते हैं.
मान्यताओं के अनुसार चांदी की पायल को पैरों में पहनने से माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदा ही बनी रहती है. इससे माता लक्ष्मी आपसे प्रसन्न रहती हैं.
पैरों में जहां आप पायल पहनती हैं उसे केतु का स्थान माना जाता है. केतु में शीतलता न होने पर आपके मन में हमेशा ही नकारात्मक सोच का संचार होता है, जो कलेश का भी कारण बन सकता है.
चांदी को चंद्र ग्रह की धातु माना गया है. चंद्र ग्रह को आपके मन का कारक माना जाता है. इससे आपकी मानसिक शक्ति बढ़ती है साथ ही नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है. इसे पैरों में पहनने से आपकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है.
घर में अगर आप पैरों में पायल पहनती हैं तो इससे निकलने वाली ध्वनि सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करती है. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है साथ ही आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
मान्यताओं के अनुसार अगर आप चांदी की पायल पहनती हैं, तो इससे कुंडली में केतु ग्रह शांत होता है. इससे आपके जीवन में कलेश भी खत्म होते हैं. इसके साथ ही आपके वैवाहिक जीवन में भी प्रेम बना रहता है.