नुसरत भरुचा ने हमेशा ही पर्दे पर निभाए अपने हर किरदार में जान फूंकी है. अक्सर उनकी अदाकारी देखकर लोग यह समझने में मात खा जाते हैं कि वह वाकई एक्टिंग कर रही हैं या ये उनका असली रूप है.
बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने केवल अपने दम पर ही इंडस्ट्री में एक ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया है. लोग आज उनके बेहतरीन अभिनय की तारीफ करते नहीं थकते हैं. नुसरत का जन्म 17 मई 1985 को मुंबई में हुआ था. आज उनके 36वें जन्मदिन के मौके पर उन्हें दुनियाभर में मौजूद अपने फैंस से ढेरों शुभकामनाएं हासिल हो रही हैं.
नुसरत को 2011 में रिलीज हुई फिल्म 'प्यार का पंचनामा' से फेम मिला. इसके बाद वह इस सीरीज की सभी फिल्मों का हिस्सा बनीं. इन फिल्मों में उन्होंने नेगेटिव किरदार पर्दे पर उतारती नजर आईं. जहां एक ओर कई लोग इस फिल्म में नुसरत की अदाकारी के दीवाने हो गए थे, वहीं ज्यादातर लोग ऐसे जो फिल्म में निभाए उनके रोल की वजह से उनसे नफरत करने लगे थे.
नुसरत खुद इस बात का खुलासा कर चुकी हैं, "प्यार का पंचनामा सीरीज की वजह से लोगों को ऐसा लगने लगा था कि जैसा किरदार मैं फिल्मों में अदा कर रही हूं, असल जिंदगी में भी मैं बहुत डोमिनेटिंग लड़की ही हूं. क्योंकि फिल्म में मैंने उस किरदार को इतनी अच्छी तरह से निभाया था. मुझे इस बात से काफी दुख पहुंचा था कि लोगों ने मेरे टैलेंट को नजरअंदाज कर सिर्फ किरदार का आंकन कर मेरी इमेज बना ली."
नुसरत ने यह भी कहा था कि 'प्यार का पंचनामा' सीरीज के कारण लोग कहने लगे थे, 'यह कोई टैलेंट नहीं है, बल्कि ये लड़की असल जिंदगी में भी ऐसी है और इसी कारण वह पर्दे पर भी ऐसे ही रोल निभाती है.' नुसरत का कहना है कि इस तरह की आलोचनाएं सुनने के बाद तब वह सिर्फ यही सोचती थीं कि क्या लोगों को यह समझ नहीं आता कि ये स्किल्स और थॉट प्रोसेस भी हो सकता है. जो फिल्म में इस्तेमाल करना था.
गौरतलब है कि 'प्यार का पंचनामा', 'प्यार का पंचनामा 2' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' में नेगेटिव किरदार निभाने के अलावा नुसरत को 'आकाश वाणी' और ड्रीम गर्ल जैसी फिल्मों में एक ऐसी लड़की का किरदार भी निभाते देखा गया है जिससे दर्शकों को भी प्यार हो गया था. नुसरत ने हमेशा साबित किया है कि वह हर तरह की भूमिकाओं को बखूबी पर्दे पर उतार सकती हैं.