Pakistan History on Independence: पाकिस्तान और भारत को एक ही दिन आजादी मिली, दोनों देश अंग्रेजों के शासन से आजाद हुए थे. लेकिन आजादी के इतिहास को लेकर दोनों देशों की अलग-अलग हिस्ट्री है, जो स्कूलों में पढ़ाई जा रही है. आइए, इसके बारे में जानते हैं.
Pakistan History on Independence: भारत और पाकिस्तान अपने-अपने तरीके से स्कूली बच्चों को हिस्ट्री पढ़ा रहे हैं. दोनों की किताबों में आजादी के इतिहास को लेकर अलग-अलग दावे हैं. आइए, जानते हैं कि पाकिस्तान के आजादी का इतिहास किस तरह से पढ़ाया जा रहा है?
भारत और पाकिस्तान का साल 1947 में बंटवारा हुआ. 15 अगस्तों को दोनों देश आजाद हुए थे. वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने दोनों देशों को 14-15 अगस्त की रात को भारत और पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी थी. भले भारत और पाक पड़ोसी देश हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच कई मौकों पर तल्खियां सामने आई हैं, युद्ध भी हुए हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि पाकिस्तान में आजादी के बारे में क्या पढ़ाया जाता है?
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे का जिक्र दोनों देशों की स्कूली किताबों में हैं. भारत में NCERT की किताब में दावा है कि मुस्लिम नेता जिनमें मोहम्मद अली जिन्ना भी शामिल हैं, बंटवारे कि खिलाफ थे. पाकिस्तान के पंजाब बोर्ड की उर्दू मीडियम की चौथी क्लास की किताब में लिखा है कि आजादी की बाद मुस्लिम अपनी सरकार चाहते थे. ताकि वे अपना जीवन इस्लामिक कानून के तहत जी सकें. लेकिन मुस्लिम जानते थे कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक हैं, वे अपना कानून लागू करेंगे. जिसमें मुसलमानों से भेदभाव होता.
पाक में 8वीं कक्षा की की किताब में एक चेप्टर है, इसका नाम 'ब्रिटिश अवेकनिंग इन इंडिया' है. इसमें कहा गया है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई ऐसे भारतीय थे, जो हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे. किताब में दावा है कि हिंदुओ के एक ग्रुप ने स्वराज मूवमेंट चलाया. ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली का विरोध किया. कांग्रेस पार्टी देश की आवाज नहीं बन सकी और हिंदू पार्टी के तौर पर उभरी.
भारत में NCERT की किताब में लिखा है कि बंटवारे के बाद दोनों देशों में एक तरह का सिविल वॉर छिड़ा. जबकि पाकिस्तान की लाहौर बोर्ड की नागरिक शास्त्र की किताब में दावा है कि जब गैर-मुस्लिम पाकिस्तान छोड़ रहे थे, तब पाकिस्तानी मुस्लिमों ने उन्हें मदद मुहैया कराई. इसमें लिखा है कि जो मुस्लिम भारत से पाकिस्तान आए, उन्हें लूटा गया और उन पर हमला हुआ.
पाकिस्तान में 9वीं क्लास की किताब में 'इलेक्शन ऑफ प्रोवेंशियल एसेंबलीज अंडर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935' पर एक पाठ है. इसमें बताया गया है कि कांग्रेस की शासन व्यवस्था खराब थी. उन्होंने इस काल को राजनीतिक भ्रष्टाचार बताते हुए कांग्रेस के मनमानी करने की बात लिखी है.