80 के दशक में छोटे पर्दे पर कुछ ऐसे सीरियल आए जिसने लोगों को अपने से न सिर्फ बांधा बल्कि उनकी धार्मिक आस्थाएं भी शो के साथ जुड़ गई. उनमें से एक था बी आर चोपड़ा का महाभारत. महाभारत ऐसा बना कि उससे हर किरदार को देखें तो लगता है जैसे वह उसी के लिए बना हो. उन किरदारों में एक किरदार था द्रौपदी का, जिसे रूपा गांगुली ने बखूबी निभाया.
महाभारत के किरदारों की पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई कि लोग किरदारों को उनके असली नाम से भले ही न जानते हों लेकिन किरदार के नाम से जरूर याद कर रखा है. उसी में से एक किरदार था द्रौपदी. द्रौपदी का किरदार निभाकर रूपा गांगुली रातोंरात स्टार बन गईं. आज भी घर-घर में उन्हें द्रौपदी के नाम से जाना जाता है. जिस तरह से हर सीन में रूपा गांगुली ने जान भर दी थी उसे कोई कैसे भूल सकता है.
जब भी हम द्रौपदी को याद करते हैं तो उसका स्वयंवर तो एक चीर हरण का दृश्य याद आता है. रूपा गांगुली जिस तरह से उस सीन को फिल्माया उसे देखकर हर कोई भाव विभोर हो उठता है. एक स्त्री की इज्जत पर जब बात आती है तो वह कैसा महसूस करती है और उसकी पीड़ा किस तरह होती है, रूपा गांगुली ने बखूबी दिखाया. अपने किरदार में जान डालने वाली रूपा के लिए द्रौपदी किरदार ने जैसा स्टार बनाया तो इसकी वजह से कुछ दिक्कतें भी आई.
यूं तो चीर हरण सीन के बाद रूपा गांगुली ने पर्दे पर दुशासन की भूमिका निभा रहें कलाकार से बात ही करना बंद कर दिया था. 1988 में महाभारत आया था, महाभारत तो खत्म हो गया था लेकिन शायद उनके किरदार लोगों के जहन में बैठ चुके थे. यही वजह है कि जब रूपा गांगुली ने हिंदी सिनेमा में एंट्री की तो लोगों ने उन्हें अन्य रूप में स्वीकार नहीं किया.
रूपा की 1990 में आई फिल्म बहार आने तक का गाना काली तेरी चोटी, परांदा तेरा लाल गाने को लेकर काफी कंट्रोवर्सी भी हुई. लोगों ने रूपा को द्रौपदी के अलावा किसी अन्य किरदार में स्वीकार करने से इनकार ही कर दिया. रूपा गांगुली का जीवन काफी कंट्रोवर्सी से भरा रहा. लेकिन उन्होंने अपनी कला को कभी मरने नहीं दिया. ये जितनी अच्छी अभिनेत्री थीं उतनी ही बेहतरीन सिंगर भी थी. रूपा को बंगाला फिल्म में अपने पहले ही गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
2015 में रूपा गांगुली ने बीजेपी ज्वाइन किया. फिलहाल रूपा गांगुली फिल्मों से दूर राजनीति में सक्रिय हैं और भाजपा से राज्यसभा में सांसद हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में रूपा गांगुली को महत्वपूर्ण राजनेता के तौर पर देखा जा रहा है. लोग ममता बनर्जी के खिलाफ रूपा गांगुली को ही सोच रहे हैं.