क्यों हर किसी को नहीं खाना चाहिए मंदिर का भंडारा, जानें शास्त्र में क्या है इसके पीछे की डरावनी सच्चाई

सनातन धर्म में पूजा के बाद भगवान जी को भोग लगाने के बाद भंडारे को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां तक कि सिख धर्म में भी गुरुद्वारे में 24 घंटे लंगर चलता है. 


Eating food in Bhandara: सनातक धर्म में पूजा के बाद भगवान जी को भोग लगाने के बाद भंडारे को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां तक कि सिख धर्म में भी गुरुद्वारे में 24 घंटे लंगर चलता है. 

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भंडारा भगवान जी का प्रसाद होता है और इसे खाना शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह भंडारा हर किसी को नहीं खाना चाहिए. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि किन लोगों के लिए भंडारा या लंगर खाना शुभ होता है और किन लोगों के लिए यह अशुभ हो सकता है.

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आपने भी अपने जीवन में कभी न कभी और कहीं न कहीं चलते हुए भंडारा खाया ही होगा. हिंदू धर्म में भंडारे का बहुत ही बड़ा महत्व माना जाता हैं, लेकिन यह भंडारा हर किसी को नहीं खाना चाहिए... जी हाँ, शास्त्र की जानकारी के अनुसार भंडारा उन लोगों के लिए रखा जाता है, जो एक वक्त की रोटी खाने के लिए भी असमर्थ होते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से...

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शास्त्र में भंडारे को लेकर बहुत सी जानकारी दी गई है. ऐसी ही एक जानकारी ये है कि किन लोगों को भंडारा खाना शुभ होता है और किन लोगों के लिए अशुभ माना जाता है. 

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शास्त्रों के अनुसार भंडारे को उन लोगों के लिए कराया जाता है,जिन लोगों को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता है. शास्त्र में ऐसा भी कहा गया है कि अगर कोई मनुष्य भंडारे का खाना खाता है, तो वो उन व्यक्ति के हक़ का निवाला छिनता है, जो एक वक्त का निवाला भी नसीब नहीं कर पाता है.

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