देश को हिला देने वाले किसान आंदोलन के दौरान ज़ी हिंदुस्तान ने पल पल की खबरें आप तक पहुंचाई. इस दौरान हमारे संवादाताओं को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. किसान आंदोलन दूर दूर तक फैला हुआ है. इसमें शामिल होने के लिए किसानों के जत्थे आए हुए हैं. ऐसे में किसान आंदोलन की हर खबर आप तक पहुंचाने के लिए हमारे संवाददाताओं को गाड़ी छोड़कर सायकिल, ट्रैक्टर, स्कूटी जैसी गाड़ियों का सहारा लेना पड़ा.
किसानों तक पहुंचने के लिए ज़ी हिंदुस्तान के संवाददाता अक्षय ने सायकिल का सहारा लिया और किसानों के दिल की बात आप तक पहुंचाई.
ट्रैक्टर किसानों का सबसे अहम साथी है. इसलिए ज़ी हिंदुस्तान संवाददाता हितेन विठलानी ने किसानों के बीच जाकर उनसे घुलने मिलने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लिया. उनका ये तरीका काम भी आया और किसानों ने उनसे अपने दिल की हर बात साझा की.
ज़ी हिंदुस्तान की संवाददाता हर्षा चंदवानी को तो किसानों से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए ट्रॉली का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने ट्रॉली पर किसानों की चौपाल लगाई.
किसानों के जत्थों की आवाज आप तक पहुंचाने के लिए ज़ी हिंदुस्तान की संवाददाता दीपिका यादव ने स्कूटी का सहारा लिया और पहुंच गईं किसानों के बीच में. उन्होंने ज़ी हिंदुस्तान के माइक पर किसानों से बात की और उनका मंतव्य समझा.
ज़ी हिंदुस्तान की जुझारु संवाददाता हर्षा चंदवानी को एक ऐसा ट्रैक्टर मिल गया. जिसपर किसान आंदोलन का बैनर भी लगा हुआ था. हर्षा ने उसपर अपनी जगह बनाई और किसानों से उनके आंदोलन का कारण समझा.