भावुक हरभजन का धोनी पर वार, कहा- 2011 वर्ल्डकप में बाकी खिलाड़ी क्या लस्सी पीने गए थे

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पूर्व स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने कटाक्ष किया है. उन्होंने विश्वकप को लेकर माही पर क्या तंज कसा है इस रिपोर्ट में पढ़िए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 13, 2022, 07:28 AM IST
  • विश्वकप 2011 की जीत का श्रेय लेने की होड़
  • हरभजन सिंह के बयान से खड़ा हुआ विवाद
भावुक हरभजन का धोनी पर वार, कहा- 2011 वर्ल्डकप में बाकी खिलाड़ी क्या लस्सी पीने गए थे

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम दो बार वनडे वर्ल्डकप जीत चुकी है. सबसे पहले टीम इंडिया ने 1983 में विश्वकप पर कब्जा किया और उसके बाद 2011 में वानखेड़े मैदान पर जीत का परचम लहराया. कई बार इस जीत का श्रेय लेने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो चुका है.

महेंद्र सिंह धोनी के तमाम फैंस 2007 और 2011 की जीत का पूरा श्रेय एमएस धोनी को दे देते हैं और बाकी खिलाड़ियों की मेहनत को दरकिनार कर दिया जाता है. क्रेडिट छीनने की परंपरा पर हरभजन सिंह ने एक बार फिर कटाक्ष किया जिससे नया विवाद खड़ा हो गया. हरभजन लाइव शो में ये बात स्वीकार कि भारत में हर जीत का श्रेय धोनी को दिया जाता है और बाकी खिलाड़ियों का कोई नाम भी नहीं लेता.

क्या बाकी खिलाड़ी लस्सी पीने गए थे- हरभजन

टीम इंडिया के पूर्व स्टार क्रिकेटर हरभजन सिंह का दर्द एक बार फिर छलका. उन्होंने लाइव शो में कहा कि, “जब ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप जीतती है तो हेडलाइन आती है कि ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप जीता लेकिन जब भारत वर्ल्ड कप जीतता है, तो हैडिंग आती है कि महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप जिता दिया, तो बाकी 10 वहां लस्सी पीने गए थे, बाकी 10 ने क्या किया, गौतम गंभीर ने कह दिया था, ये टीम गेम है और अगर आपके 11 खिलाड़ी खेल रहे हैं तो उनमें से अगर 7-8 अच्छा खेलेंगे तो आपकी टीम आगे जाएगी.”

सचिन, हरभजन, गंभीर और जहीर जैसे अनेक खिलाड़ियों ने रचा था इतिहास

जब से हरभजन ने धोनी पर ये टिप्पणी की है तब से धोनी के फैंस उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. हरभजन पहले भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि वर्ल्डकप की जीत हर खिलाड़ी की मेहनत का नतीजा था, किसी एक खिलाड़ी को श्रेय देना बाकियों के साथ अन्याय है. हरभजन सिंह का यह वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है और फैंस इस वीडियो को देखने के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.

आपको बता दें कि 2011 के वनडे वर्ल्डकप के पहले ही मैच में विरेंदर सहवाग ने 175 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी. साथ ही सचिन ने पूरे विश्वकप में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन ठोके थे. युवराज, जहीर खान, मुनाफ पटेल, गौतम गंभीर और हरभजन ने अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन की दम पर भारत को फाइनल तक पहुंचाया और विजेता बनाया. हालांकि ज्यादातर बार लोग इस महाविजय को सिर्फ धोनी की देन कह देते हैं जो इन खिलाड़ियों को पीड़ा देता है.

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