नई दिल्लीः टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज और साल 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी गौतम गंभीर ने एक बड़ा खुलासा किया है. गौतम गंभीर का यह खुलासा उनकी पत्नी नताशा से जुड़ा हुआ है.
टिकट फ्री होने के बावजूद जाने से किया मना
दरअसल साल 2011 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में टिकट फ्री होने के बावजूद गंभीर की तब की गर्लफ्रेंड और अब की पत्नी नताशा ने मैच देखने से इंकार कर दिया था. जब गौतम गंभीर ने नताशा को टिकट देते हुए उन्हें आने के लिए बोला तो नताशा ने मना कर दिया और इस ऑफर को ठुकराते हुए कहा था कि क्या यह मैच देखना इतना जरूरी है? यह तो सिर्फ एक क्रिकेट मैच ही है ना.
पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल कर पहुंचा था भारत
गौतम गंभीर ने बताया कि जब मेन इन ब्लू पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली से जीत हासिल कर मुंबई पहुंचा, तो उन्होंने अपनी पत्नी नताशा से पूछा था कि क्या वह फाइनल मैच देखने के लिए आना चाहती हैं. तब उस समय नताशा ने उनसे समय मांगा कि मैं कुछ देर में सोच कर बताऊंगी. इसके बाद जब उन्होंने गंभीर को कॉल किया तो पूछा कि क्या यह मैच इतना जरूरी है? यह भी तो क्रिकेट का एक आम मैच के जैसा ही है. अब इस मैच के लिए मुंबई का ट्रेवल कौन करेगा. मेरे भाई और बहन चले जाएंगे.
क्रिकेट देखने नहीं पहुंची नताशा
गौतम गंभीर ने आगे कहा, 'उनकी बहन और भाई दोनों मैच देखने के लिए आए, लेकिन नताशा नहीं आई. जब हम वर्ल्ड कप जीत गए और पूरा देश जीत का जश्न मना रहा था. तब उसने मुझसे पूछा कि पूरा देश इस मैच का इतना जश्न क्यों मना रहा है? मैंने तब कहा था कि भारत करीब 20 सालों के बाद वर्ल्ड कप जीता है. इसलिए आज पूरा देश इस जीत के जश्न में डूबा हुआ है.'
'ऑफर रिजेक्ट कर काफी शर्मिंदा हैं नताशा'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप आज उनसे उस मैच के बारे में पूछेंगे तो वे इस ऑफर को रिजेक्ट करने के लिए काफी शर्मिंदा हैं. हालांकि, वे तो नहीं आईं थी लेकिन उनके भाई-बहन जरूर आए थे.'
भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था फाइनल मैच
बता दें कि वनडे वर्ल्ड कप का यह फाइनल मैच इंडिया और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था. इस फाइनल मैच टीम इंडिया की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई थी. भारतीय पारी की शुरुआत में ही सहवाग (0) के आउट होने से टीम इंडिया थोड़ी मुश्किल में आ गई थी.
धोनी ने खेली थी 91 रनों की धुआंधार पारी
इसके बाद जब 31 के कुल योग पर भारत ने सचिन तेंदुलकर (18) का विकेट गंवाया तो ऐसा लगा मानों वर्ल्ड कप को दोबारा जीतने का सपना एक सपना ही रह जाएगा. लेकिन यहां से गौतम गंभीर (97) और विराट कोहली (35) ने टीम को आगे बढ़ाया और फिर धोनी के 91 रनों की धुआंधार पारी ने भारत को वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिला दी.
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