Jasprit Bumah, Indian Cricket Team: ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 विश्वकप का आगाज होने में कुछ ही हफ्तों का समय बाकी है लेकिन भारतीय टीम में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की मौजूदगी को लेकर अभी तक अनिश्चितता और भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कुछ दिन पहले मीडिया रिपोर्ट्स आई थी कि बुमराह की पीठ में गंभीर चोट लगने के कारण चार से छह महीने तक मैदान से दूर रहेंगे. दूसरी ओर, कुछ अटकलें लगाई जा रही है कि तेज गेंदबाज विश्व कप में जगह बना सकते हैं.
15 अक्टूबर तक बदलाव कर सकता है भारत
इन अटकलों का दौर तब शुरू हुआ जब शुक्रवार को बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि उनकी चोट उतनी गंभीर नहीं है जितनी समझी जा रही थी, ऐसे में शायद उन्हें चार से छह महीने के उपचार के समय की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के अनुसार सभी टीमों के पास बदलाव करने के लिये 15 अक्टूबर तक का समय मिला हुआ है.
भारत के पास अभी भी उनके तेज गेंदबाजी विभाग में कुछ अच्छे बॉलर हैं और यह देखने के लिए समय है कि बुमराह की संभावित अनुपस्थिति के कारण उनकी जगह टीम मैनेजमेंट किन गेंदबाजों को डेथ ओवर्स की जिम्मेदारी दे सकता है. आइये एक नजर उन खिलाड़ियों पर डालें-
मोहम्मद शमी (Mohammad Shami)
विश्व कप में बुमराह की संभावित अनुपस्थिति के कारण अब टी20 विश्व कप के लिए मोहम्मद शमी को पीछे छोड़ना मुश्किल हो गया है. पिछले साल यूएई में टी20 विश्व कप के सुपर 12 चरण से बाहर होने के बाद शमी ने भारत के लिए टी20 नहीं खेला है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि शमी ने आईपीएल 2022 में गुजरात टाइटंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा रहते हुए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. शमी ने 16 मैचों में आठ की इकॉनमी रेट से 20 विकेट हासिल किए.
हालांकि शमी को टी20 विश्व कप के लिए रिजर्व में से एक के रूप में नामित किया गया था और क्रमश: ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर में छह टी20 में शामिल किया गया था, लेकिन वह कोरोना संक्रमित होने के कारण दोनों से चूक गए हैं. मोहम्मद शमी ने आखिरी बार इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिये वनडे सीरीज में शिरकत की थी जहां पर उनके खाते में कोई विकेट नहीं आया था लेकिन इस साल के आईपीएल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था.
भुवनेश्वर कुमार (Bhuvaneshwar Kumar)
भारतीय टीम के सबसे सीनियर गेंदबाज इस साल टी20 में सबसे व्यस्त गेंदबाजों में से एक रहे हैं, जिन्होंने 24 मैचों में 17.56 की औसत और 7.21 की इकॉनमी रेट से 32 विकेट हासिल किये हैं. हालांकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में अपने स्ट्राइक के दम पर प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार अर्जित किया. हालांकि पिछले कुछ समय में भुवनेश्वर की डेथ बॉलिंग टीम के लिये चिंता का विषय बनकर उभरी है.
अगर बुमराह की जगह शमी टीम में आते हैं तो पावरप्ले की गेंदबाजी ड्यूटी उनके और भुवनेश्वर के बीच बांट दी जाएगी. इसका मतलब यह भी है कि दोनों में से जो डेथ ओवरों के बेहतर गेंदबाज हैं, उन्हें जिम्मेदारी उठानी होगी. वहीं पर भुवी को साउथ अफ्रीका सीरीज से आराम देकर मेंटल कंडीशनिंग के लिये भेज दिया गया है जिससे उन्हें जरूर फायदा होगा और भारतीय टीम उनका इस्तेमाल विश्वकप में कर सकती है.
अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh)
रवि बिश्नोई के लेग-स्पिन के अलावा, अर्शदीप सिंह इस साल टी20 में भारत के लिए एक महान खोज रहे हैं. हालांकि सटीक यॉर्कर के कारण डेथ ओवरों का स्पेशलिस्ट कहा जाता है. बुमराह के बाद अगर सच में किसी गेंदबाज को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है तो वो फिर अर्शदीप ही नजर आते हैं.
अर्शदीप सिर्फ डेथ ओवर्स में ही नहीं बल्कि पावरप्ले में भी शानदार गेंदबाजी करने का हुनर रखते हैं, जिसका ताजा उदाहरण तिरुवनंतपुरम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी गेंदबाजी रही. यहां पर उन्होंने अपने पहले ही ओवर में तीन विकेट लिए थे. आईपीएल 2022 में, पंजाब किंग्स के लिए खेलते हुए, उनका इकॉनमी रेट 7.58 था, जो बुमराह के 7.38 के बाद टूर्नामेंट में दूसरा सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा था. उन्होंने उस चरण के दौरान चार विकेट भी लिए जहां बचाव के लिए बहुत कम रन थे.
हर्षल पटेल (Harshal Patel)
आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद पिछले साल नवंबर में डेब्यू के बाद से भारत के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरते हुए, पटेल को उनकी सटीकता और धीमी गेंद के साथ बेहतर यॉर्कर करने के लिए जाना जाता है. लेकिन चोट से उबरने के बाद से पटेल की वापसी के बाद से अब तक उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं हुआ है. ऑस्ट्रेलिया पर श्रृंखला जीत में, उन्होंने तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट लिया, जिसमें 12.37 की इकॉनमी रेट से 99 रन दिए थे, जिसमें 18वें ओवर में 22 रन शामिल थे.
हालांकि यह याद रखने वाली बात है कि उन्होने चोट के बाद वापसी की है और अभी अपनी लय तलाश रहे हैं, लेकिन उनके रिकॉर्ड को देखें तो दर्शाता है कि वो बुमराह की कमी को पहले भी पूरा कर चुके हैं. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2/26 विकेट लिए, लेकिन हर कोई यह देखने के लिए उत्सुक होगा कि क्या उनकी धीमी गेंदें और यॉर्कर के साथ ही डेथ ओवरों के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर काम कर सकती हैं.
दीपक चाहर (Deepak Chahar)
भुवनेश्वर के बैक-अप के रूप में देखे जाने वाले दीपक चाहर चोट के कारण सात महीने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के बाद वापस आ गए हैं. हालांकि विश्वकप से पहले उन्हें खेलने का कुछ ज्यादा मौका नहीं मिल सका है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ जब दीपक चाहर ने टी20 क्रिकेट में वापसी की तो नई गेंद के साथ एक बार फिर से कहर बरपाया, जिसके चलते तिरुवनंतपुरम में दक्षिण अफ्रीका की टीम का स्कोर 9 रन पर 5 विकेट हो गया था. चाहर भी बुमराह की जगह टीम में लेकर डेथ ओवर्स में एक ओवर निकाल सकते हैं.
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