IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम के बीच हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भले ही भारतीय टीम ने 2-1 से जीत हासिल कर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की की हो लेकिन यह सीरीज भारत की जीत से ज्यादा इस श्रृंखला के दौरान इस्तेमाल की गई पिचों को लेकर चर्चा में रही. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गये आखिरी मैच को छोड़ दें तो पहले 3 मैचों में स्पिनर्स को काफी मदद मिली.
इंदौर की पिच को लेकर आईसीसी ने बदला फैसला
जहां पहले दो मैचों में भारतीय टीम ने शानदार जीत हासिल की तो वहीं इंदौर में खेले गये तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स रोहित सेना पर भारी पड़े. धर्मशाला के मैदान पर खेले जाने वाले इस मैच को स्टेडियम का काम पूरा न होने की वजह से एक हफ्ते पहले ही इंदौर के होल्कर स्टेडियम में शिफ्ट किया गया था. लेकिन जब मैच 3 दिन के अंदर समाप्त हुआ और पहले ही दिन से स्पिनर्स को मदद मिलती नजर आई तो दुनिया भर के क्रिकेट एक्सपर्टस ने होल्कर स्टेडियम की पिच को लेकर सवाल खड़े किये.
मैच के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की रिपोर्ट के आधार पर इंदौर के होल्कर स्टेडियम की पिच की रेटिंग को ‘खराब’करार देते हुए 3 डिमेरिट अंक लगाये थे. हालांकि एमपीसीए और बीसीसीआई ने आईसीसी के इस फैसले पर आपत्ति जताई और इसके खिलाफ अपील की जिसे सोमवार को बदलकर ‘औसत से कम’ कर दिया गया और 3 डिमेरिट अंक को घटाकर एक कर दिया गया है.
सही मायनों में इंदौर की पिच को मिला न्याय
आईसीसी की ओर से होल्कर स्टेडियम की पिच पर दिये गये फैसले को बदलने पर मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) ने खुशी जताई है और कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की अपील पर आईसीसी ने जो फैसला बदला है यह सही मायनों में हमारे लिये न्याय बना है.
एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने कहा,‘होल्कर स्टेडियम की पिच की रेटिंग में बदलाव के आईसीसी के फैसले से हम बहुत खुश हैं और राज्य के क्रिकेट फैन्स में भी खुशी की लहर दौड़ गई है. इस फैसले से हमें निश्चित रूप से हमें न्याय मिला है.’
इंदौर में जारी रहेगी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी
खांडेकर के मुताबिक आईसीसी के इस फैसले का मतलब यह है कि इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का सिलसिला अब बिना किसी रोक-टोक के बहाल हो सकेगा. गौरतलब है कि इंदौर में ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान भारत को टेस्ट मैच के तीसरे ही दिन नौ विकेट से पराजित कर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में स्थान पक्का किया था और होल्कर स्टेडियम की पिच फिरकी गेंदबाजों के घातक वार से ‘बल्लेबाजों की कब्रगाह’ साबित हुई थी.
क्रिस ब्रॉड ने दी थी गलत रिपोर्ट
आईसीसी की अपील पैनल ने मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड के फैसले की समीक्षा की और पाया कि इस पिच को ‘खराब’ रेटिंग देने के लिए इस पर इतना अत्यधिक परिवर्तनीय उछाल मौजूद नहीं था. पिच को शुरू में तीन ‘डिमैरिट’ अंक दिए गए थे, लेकिन रेटिंग को ‘खराब’ से बदलकर ‘औसत से कम’ किए जाने पर पिच को केवल एक ‘डिमैरिट’ अंक मिलेगा.
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