IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एक बार फिर से जीवित हो गई है जिसमें लगातार 2 मैचों में हार का सामना करने के बाद कंगारू टीम ने जीत की राह पर वापसी कर ली है और इंदौर में खेले गये तीसरे टेस्ट मैच में 9 विकेट से भारत को हरा दिया है. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इसके साथ ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी जगह पक्की कर ली है तो वहीं पर भारतीय टीम को अपनी जगह पक्की करने के लिये अहमदाबाद में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मैच में हर हाल में जीत या फिर ड्रॉ हासिल करना होगा.
अगर भारतीय टीम ऐसा करने में नाकाम रहती है तो उसे फिर श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच खेली जाने वाली 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में कम से कम एक ड्रॉ या फिर कीवी टीम की जीत की कामना करनी होगी. इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने भारतीय टीम पर जीत के लिये चालबाजी करने का आरोप लगाया है.
जीत के लिये भारत पर लगा चालबाजी का आरोप
मार्क टेलर ने मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए अब तक इस्तेमाल की गयी तीनों पिचों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की पिच तैयार करने में कुछ हद तक ‘चालबाजी’ की गयी है. भारत चार मैचों की श्रृंखला में 2-1 से आगे है और अहमदाबाद में एक टेस्ट मैच खेला जाना बाकी है. नागपुर और नई दिल्ली की पिचों को आईसीसी ने ‘औसत’ रेटिंग दी जबकि मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड द्वारा इंदौर की पिच को ‘खराब’ करार दिया गया. इस खराब रेटिंग से इंदौर को तीन डिमेरिट अंक भी मिले और ये अंक पांच साल की अवधि के लिये बने रहेंगे. भारतीय टीम दोनों पारियों में 109 और 163 रन के स्कोर पर सिमट गयी थी जबकि ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 197 रन बनाये और फिर तीसरे दिन सुबह उसने 76 रन के लक्ष्य का पीछा कर जीत हासिल की.
इंदौर को मिली खराब रेटिंग से खुश हैं टेलर
टेलर ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से इंदौर की पिच रेटिंग को सही करार देते हुए कहा, ‘मैं इससे सहमत हूं. मुझे निश्चित रूप से लगता है कि श्रृंखला के लिए पिचें पूरी तरह से खराब रही हैं. ईमानदारी से कहूं तो इंदौर की पिच तीनों में से सबसे खराब थी. मुझे नहीं लगता कि पिच पर पहले दिन से ही स्पिनरों को इतनी मदद मिलनी चाहिये. मैच के चौथे या पांचवें दिन अगर ऐसा होता है तो चीजें समझ में आती है लेकिन अगर पहले दिन से ही गेंद इतना अधिक टर्न ले तो यह खराब (पिच) तैयारी का नतीजा है. मुझे लगा कि इंदौर की पिच बहुत खराब है और उसी हिसाब से रैंकिंग दी जानी चाहिए थी.’
गावस्कर ने की आईसीसी के एक्शन की आलोचना
भारत के पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर हालांकि इंदौर की पिच को ‘खराब’ रेटिंग दिये जाने से खुश नहीं है. उन्होंने गाबा की पिच का उदाहरण दिया, जहां दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट दो के भीतर समाप्त होने के बावजूद आईसीसी द्वारा ‘औसत से खराब’ रेटिंग दी गई थी.
भारत ने चालबाजी कर स्पिनर्स को दिया फायदा
टेलर ने उनसे असहमति जताते हुए कहा कि ब्रिसबेन की पिच दोनों टीमों के लिए समान थी जबकि भारत-ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के पहले तीन टेस्ट के लिए पूरी से स्पिनरों की मददगार पिच तैयार की गयी थी.
ऑस्ट्रेलिया के इस कप्तान ने कहा, ‘गाबा की पिच पर दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों को भी उतना ही (ऑस्ट्रेलिया के रूप में) मदद मिली क्योंकि उनके पास चार बहुत अच्छे तेज गेंदबाज थे. भारतीय पिचों के मामले में ऐसा नहीं है.यहां चालबाजी के साथ ऐसी पिचें तैयार की गयी है. इससे हमारे स्पिनरों को हुनर दिखाने का मौका मिला और उन्होंने भारत की सोच से कहीं अच्छा प्रदर्शन किया.’
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