Ind vs Aus: `पहला मुक्का उसे मारना है...`, किस खिलाड़ी के लिए ये बोल गए रवि शास्त्री
Ind vs Aus Test: भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि संघर्ष कर रहे रोहित शर्मा का आगामी ब्रिसबेन टेस्ट में खुद को साबित करने का एकमात्र तरीका सलामी बल्लेबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका देना है. एडिलेड टेस्ट में रोहित छठे नंबर पर उतरे थे और दो पारियों में केवल नौ रन बना सके. रोहित का पिछले छह टेस्ट मैचों में केवल 11.83 का औसत है.
नई दिल्ली: Ind vs Aus Test: भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि संघर्ष कर रहे रोहित शर्मा का आगामी ब्रिसबेन टेस्ट में खुद को साबित करने का एकमात्र तरीका सलामी बल्लेबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका देना है. एडिलेड टेस्ट में रोहित छठे नंबर पर उतरे थे और दो पारियों में केवल नौ रन बना सके. रोहित का पिछले छह टेस्ट मैचों में केवल 11.83 का औसत है.
बतौर ओपनर खेलेंगे रोहित शर्मा?
शास्त्री ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के हवाले से कहा, 'यही वह जगह है जहां वह पिछले आठ या नौ वर्षों से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर हैं. ऐसा नहीं है कि वह दुनिया में धूम मचाने जा रहा है. हालांकि वह ऐसा कर सकता है लेकिन यही वह जगह है जो उसके लिए सबसे अच्छी है. आगे से नेतृत्व करना. अगर पहला मुक्का उसे मारना है तो यही वह सबसे अच्छी जगह है जहां से वह ऐसा कर सकता है.
'जो गाबा में जीतेगा, वही सीरीज भी'
शास्त्री ने कहा, 'और यह महत्वपूर्ण है कि भारत यहां अपना निर्णय सही से ले, क्योंकि सीरीज बराबरी पर है. मुझे लगता है कि जो भी टीम यह टेस्ट मैच जीतेगी, वह सीरीज जीतेगी. मेरे मन में बिल्कुल भी संदेह नहीं है. इसलिए यह बहुत अहम है कि भारत सही संतुलन बनाए, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने आत्मविश्वास वापस पा लिया है.'
शास्त्री की कोचिंग में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी. उन्होंने याद किया, 'मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा. पिछले सत्र में 140 रन बनाने थे. कोविड के कारण हमारे पास दो अलग-अलग चेंजिंग रूम थे. मैं ऋषभ या (चेतेश्वर) पुजारा से बात करने के लिए कोच के कमरे से नीचे गया. जब मैं शौचालय पहुंचने वाला था तो मैंने गिल और पंत के बीच बातचीत सुनी.'
"71 ओवर फेंके गए; गिल 91 रन पर आउट हो गए और वे टीम के दो सबसे युवा खिलाड़ी थे, 21 और 22 साल के. 'नौ ओवर बचे हैं, उन्हें नई गेंद की जरूरत है, वे (मार्नस) लाबुशेन को लेग स्पिन के साथ लाएंगे, आपको वहां 45-50 रन बनाने होंगे.'
शास्त्री ने कहा, "वे योजना बना रहे हैं कि वे अंतिम स्कोर के करीब कैसे पहुंच सकते हैं और मैं उन्हें किसी भी तरह से रोकने वाला नहीं था, मैं उस मानसिकता को बदलना नहीं चाहता था इसलिए मैं बस आगे बढ़ा और कहा 'जो करना है करो'. अंत में हमने उस आखिरी सत्र में लगभग 150 रन का पीछा किया."
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