भुवनेश्वर: छह बार के चैंपियन जर्मनी के अलावा भारत, अर्जेंटीना और फ्रांस ने बुधवार को यहां अपने अपने मैच जीतकर एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
भारत ने भी बनाई सेमीफाइनल में जगह
जूनियर हॉकी विश्व कप में भारत का सामना क्वार्टर फाइनल में मजबूत टीम और खिताब की दावेदार बेल्जियम की टीम से था. इस मैच में भारत ने 1-0 से जीत हासिल करते हए सेमीफाइनल में जगह बना ली है.
इस साल टोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों में भारत की सीनियर हॉकी टीम को बेल्जियम से ही सेमीफाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा था. भारतीय टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना बेल्जियम ने ओलंपिक में तोड़ दिया था.
आपको बता दें कि जूनियर वर्ल्डकप सेमीफाइनल में भारत का सामना जर्मनी से होगा.
जानिए पूरे मैच का हाल
भारत के लिए इस मैच में एक मात्र गोल शरदानंद तिवाली ने 20वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर किया. बेल्जियम को भी इस मैच में तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन वह एक पर भी गोल नहीं कर पाई. उसे दूसरे क्वार्टर में मौका पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं कर सकी. चौथे क्वार्टर में भी उसे दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन इन दोनों मौकों पर भी नाकाम रही.
दिन के पहले क्वार्टर फाइनल में जर्मनी ने स्पेन को शूटआउट में 3-1 से हराया. दोनों टीम निर्धारित समय तक 2-2 से बराबरी पर थी. इसके बाद अर्जेंटीना ने नीदरलैंड को 2-1 से पराजित किया. फ्रांस ने अपना चमत्कारिक प्रदर्शन जारी रखा और तीसरे क्वार्टर फाइनल में मलेशिया को 4-0 से हराया.
जर्मनी ने पांचवें मिनट में क्रिस्टोफर कुटेर के पेनल्टी स्ट्रोक पर किये गए गोल की मदद से बढत बना ली. इसके छह मिनट बाद ही हालांकि स्पेन के इग्नासियो अबाजो ने पेनल्टी कॉर्नर पर बराबरी का गोल किया.
अगले दो क्वार्टर में कोई गोल नहीं हो सका. स्पेन ने 59वें मिनट में एडुअर्ड डे इग्नासियो सिमो के गोल की मदद से बढत बना ली. आखिरी सीटी बजने पर जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर मासी फांट ने गोल करके मैच को शूटआउट में खींच दिया.
शूटआउट में जर्मनी के लिये पॉल स्मिथ, माइकल स्ट्रथोफ और हानेस म्यूलेर ने गोल दागे जबकि मातेओ पोजारिच चूक गए. वहीं स्पेन के अगाजो, गुइलेरमो फोर्चूनो और सिमो गोल चूक गए जबकि गेरार्ड क्लापेस ने गोल किया.
जूनियर विश्व कप के इतिहास की सबसे सफल टीम जर्मनी ने छह बार खिताब जीता है. उसने आखिरी बार 2013 में दिल्ली में खिताब जीता था और 2016 में लखनऊ में कांस्य पदक अपने नाम किया था.
अंतिम आठ के दूसरे मैच में पहले गोल के लिये 24 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. तब 2005 के चैंपियन अर्जेंटीना ने जोकिन क्रूगर के गोल की मदद से बढ़त बनायी लेकिन उसकी यह बढ़त एक मिनट भी नहीं रही. नीदरलैंड के मिलेस बकेन्स ने अगले मिनट में ही पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर मध्यांतर तक स्कोर 1-1 से बराबरी पर रखा.
नीदरलैंड ने दूसरे हाफ में अच्छी शुरुआत की और लगातार चार पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन अर्जेंटीना का रक्षण बेहद मजबूत था और उसने ये खतरे आसानी से टाल दिये लेकिन नीदरलैंड के तमाम प्रयास तब बेकार साबित हुए जब 59वें मिनट में आत्मघाती गोल करने के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा. शेल्डन स्कोटेन ने तब फ्लोरिस मेडनडोर्प का क्रास रोकने के बजाय गोल में भेज दिया था.
फ्रांस और मलेशिया के बीच मैच एकतरफा साबित हुआ. यूरोपीय टीम ने अपने सभी गोल पेनल्टी कार्नर पर किये. इनमें से कप्तान टिमोथी क्लेमेंट (14वें, 24वें और 60वें मिनट) ने तीन गोल करके हैट्रिक बनायी जबकि मैथियास क्लेमेंट (31वें मिनट) ने अन्य गोल किया. फ्रांस शुक्रवार को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना का सामना करेगा.
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