International Women's Day: जग में नाम करेंगी रोशन भारत की ये राजदुलारियां

20वीं सदी के अंत तक महिलाओं को खेलों में उतने मैके नहीं मिलते थे लेकिन 21वीं सदी की शुरुआत में सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, पीवी सिंधु समेत कई लड़कियों ने देश की अन्य लड़कियों को खेलों के लिये प्रेरित किया. इसी का परिणाम है कि आज कई ऐसी लड़कियां हैं जो कम उम्र में ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं. 

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : Mar 8, 2021, 12:01 AM IST
  • मनु भाकर ने कम उम्र में ही रचा इतिहास
  • शेफाली वर्मा ने पेश की अनूठी मिसाल
International Women's Day: जग में नाम करेंगी रोशन भारत की ये राजदुलारियां

नई दिल्ली: भारत में जब जब खेल और खिलाड़ियों की बात होती है तो हमेशा पुरुष खिलाड़ियों का ही नाम जेहन में आता है. खेल के क्षेत्र में महिलाओं को उतना प्रोत्साहन देने में देशवासी नाकाम रहे जितना उन्हें मिलना चाहिये था. इसके बाद भी देश में आज कई ऐसी युवा लड़कियां हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और जुनून के दम पर बेहद कम उम्र में ही ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम ऐसी प्रतिभावान लड़कियों के बारे में बता रहे हैं जो वर्तमान में तो बड़े बड़े कीर्तिमान स्थापित कर ही रही हैं और आने वाले समय में पूरी दुनिया में हिंदुस्तान का नाम जगमग करेंगी. 

शेफाली वर्मा

लड़की होकर भी लड़कों के बीच खेलने का जज्बा दिखाने वाली शेफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अर्धशतक लगाने वाली महिला क्रिकेटर हैं. उन्होंने सचिन तेदुलकर का पुराना रिकॉर्ड तोड़कर ये रिकॉर्ड स्थापित किया है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह ओपनिंग बल्लेबाज इस छोटी-सी उम्र में ही विश्व क्रिकेट के बड़े-बड़े रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुकी है.

आपको बता दें कि शेफाली हरियाणा के रोहतक जिले से आती हैं और लड़की होने के कारण किसी भी क्रिकेट एकेडमी ने उन्हें एडमिशन नहीं दिया था. उनके पिता संजीव ने बेटी के बाल कटवा दिए और फिर एकेडमी में एडिमशन भी मिल गया. इस एकेडमी में शेफाली ने लड़का बनकर ट्रेनिंग ली. शेफाली खुद को सचिन तेंदुलकर से प्रेरित बताती हैं क्योंकि सचिन ने करियर का आखिरी रणजी मैच हरियाणा में खेला था और शेफाली उस मैच में दर्शक के रूप में मौजूद थीं. 

जेमिमा रॉड्रिक्स 

मुंबई के लिए इंटर स्टेट अंडर-19 महिला टूर्नामेंट में जेमिमा रॉड्रिक्स ने शुरुआती 10 मैचों में से 6 में शतक जड़कर सबको चौंका दिया था. जेमिमा रॉड्रिक्स ने अपने इन 6 शतकों में से एक दोहरा शतक व दो 150 से अधिक के स्कोर भी बनाये है. कुल मिलाकर उन्होंने अपनी शुरुआती दस पारियों में 150 से ऊपर के तीन स्कोर बनाये थे. भारतीय क्रिकेट के क्षेत्र में ऐतिहासिक रिकॉर्ड है. आपको बता दें कि जेमिमा रॉड्रिक्स ने पहले हॉकी खेलना शुरु किया था और उन्हें इसमें शुरुआती सफलता भी मिली. जेमिमा को महाराष्ट्र हॉकी टीम में सेलेक्ट भी किया गया था. लेकिन बाद में इन्होंने क्रिकेट खेलने का मन बनाया ौर आज क्रिकेट में नाम रोशन कर रही हैं. 

मनु भाकर

देश की स्टार निशानेबाज मनु भाकर से टोक्यो ओलंपिक में देशवासियों को बहुत उम्मीदे हैं. अब तक ओलंपिक गेम्स में निशानेबाजी में कोई भी महिला पदक जीतने में सफल नहीं रही है. अगर मनु भाकर टोक्यो ओलंपिक में पदक जीत लेती हैं तो वे ऐसा करने वाली पहली भारतीय होंगी. महिला दिवस पर उनके शौर्य को याद करना भी जरूरी है. मनु भाकर ने भी कम आयु में ही असीम उपलब्धियां हासिल कर ली हैं. 16 साल की उम्र में उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. अपने स्कोर के साथ साथ उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया था. मई 2019 में, मनु ने म्यूनिख ISSF विश्व कप में चौथे स्थान पर रहने के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. अगस्त 2020 में मनु भाकर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था. 

अंकिता रैना 

अंकिता रैना भारतीय टेनिस खिलाड़ी और महिला एकल में नंबर 1 भारतीय हैं. अंकिता ने आईटीएफ महिला सर्किट में 8 एकल और 14 युगल खिताब जीते हैं. अप्रैल 2018 में, उन्होंने एकल रैंकिंग के शीर्ष 200 में प्रवेश किया. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की केवल पाँचवीं खिलाड़ी बन गई हैं. पिछले महीने भारत की अंकिता रैना ने अपनी रूसी जोड़ीदार कैमिला रखिमोवा के साथ मिलकर फिलिप आइलैंड ट्रॉफी टेनिस टूर्नामेंट में महिला युगल का खिताब जीता था. 

यह अंकिता पहला डब्ल्यूटीए खिताब है. अंकिता और कैमिला की जोड़ी ने फाइनल में अन्ना बिलिनकोवा और अनस्तेसिया पोटापोवा की रूसी जोड़ी को 2-6, 6-4, 10-7 से हराया था. अंकिता ने 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में महिला एकल और मिश्रित युगल मुकाबलों में भी स्वर्ण पदक जीते थे. अंकिता ने 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में महिला एकल और मिश्रित युगल मुकाबलों में भी स्वर्ण पदक जीते हैं. अंकिता रैना टेनिस में सानिया मिर्जा के बाद टॉप 100 में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय होंगी. 

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विनेश फोगाट 

विनेश फोगाट देश के लिये राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. टोक्यो ओलंपिक में विनेश से पहलवानी में स्वर्ण पदक की उम्मीद है. एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं. वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर विनेस टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाइ करने वाली पहली पहलवान बनीं. 

वर्तमान में विनेश फोगाट वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर एक पर हैं. देश की महिलाओं के सशक्तिकरण और लड़कियों के आगे बढ़ने की सबसे प्रेरणास्रोत के रूप में जानी जाती हैं. हरियाणा के सामान्य परिवार से आने वाली विनेश फोगाट का पूरा परिवार पहलवानी जुड़ा है. गीता और बबिता फोगाट भी देश की सर्वश्रेष्ठ महिला पहलवान रह चुकी हैं. 

विनेश फोगाट ने नई दिल्ली में 2013 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 52 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था और इसके बाद दक्षिण अफ़्रीका के जोहानसबर्ग में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में 51 किलो भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया था. महामहिम राष्ट्रपति ने उन्हें 2016 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था. उन्हें राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. 

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