Nitish Reddy Century: बेटे के लिए छोड़ दी थी सरकारी नौकरी, हर एक दुख झेला, बस इसी दिन के लिए

Ind vs Aus: मुत्याला रेड्डी के जीवन में हमेशा के लिए एक अविस्मरणीय दिन रहेगा, क्योंकि उनके बेटे नितीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन नाबाद 105 रन बनाकर भारत के लिए मुश्किल परिस्थिति में हीरो बनकर खड़े हुए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 28, 2024, 02:52 PM IST
  • इस दिन को कभी नहीं भूल सकतेः मुत्याला
  • नितीश के लिए छोड़ दी थी सरकारी नौकरी
Nitish Reddy Century: बेटे के लिए छोड़ दी थी सरकारी नौकरी, हर एक दुख झेला, बस इसी दिन के लिए

नई दिल्लीः Ind vs Aus: मुत्याला रेड्डी के जीवन में हमेशा के लिए एक अविस्मरणीय दिन रहेगा, क्योंकि उनके बेटे नितीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन नाबाद 105 रन बनाकर भारत के लिए मुश्किल परिस्थिति में हीरो बनकर खड़े हुए.

जब नितीश ने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर 171 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा तो स्टैंड में बैठे मुत्याला की आंखों में आंसू थे और उन्होंने अपने आस-पास के सभी लोगों से बधाई मिलने पर दिल से हाथ जोड़कर भगवान का शुक्रिया अदा किया.

इस दिन को कभी नहीं भूल सकतेः मुत्याला

उन्होंने ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर की तरफ से एडम गिलक्रिस्ट से कहा, 'हमारे परिवार के लिए यह एक खास दिन है और हम अपने जीवन में इस दिन को नहीं भूल सकते हैं. वह 14-15 साल की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह एक बहुत ही खास एहसास है. मैं बहुत तनाव में था (जब नितीश 99 रन पर थे). केवल आखिरी विकेट बचा था. शुक्र है कि सिराज विकेट बचाने में सफल रहे.'

8वें नंबर पर ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाने वाले पहले भारतीय

वहीं भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने एमसीजी में उपस्थित 87,073 प्रशंसकों के बीच अपने परिवार के सामने नितीश द्वारा अपना पहला टेस्ट शतक बनाने के क्षण को 'अभूतपूर्व' बताया. रेड्डी के शतक ने अब उन्हें मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में भारत के सबसे ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी बना दिया है. वह आठवें या उससे नीचे नंबर पर बल्लेबाजी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी बन गए हैं.

अपने नाबाद 105 रन के जरिए रेड्डी एमसीजी में अपना पहला टेस्ट शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय हैं, इससे पहले 1948 में वीनू मांकड़ ने ऐसा किया था. नितीश को अपना पहला टेस्ट शतक बनाते देख मुत्याला के आंसू भी उनके बेटे को भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए किए गए उनके त्याग और प्रयासों को सही साबित करते हैं.

बेटे के लिए छोड़ दी थी सरकारी नौकरी

2016 में मुत्याला विशाखापत्तनम में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के साथ काम कर रहे थे और उन्हें राजस्थान के उदयपुर में स्थानांतरित किया जाना था, लेकिन युवा नितीश के क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने के लिए, मुत्याला ने अपनी मूल्यवान सरकारी नौकरी से समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया और घर पर ही रहने लगे.

प्रतिष्ठित एमसीजी ने 28 दिसंबर 2024 को नितीश के यादगार टेस्ट शतक का गवाह बना, जब उन्होंने भारत के शानदार रियरगार्ड एक्ट का नेतृत्व किया, यह एक अविस्मरणीय क्षण था जिसने चुपचाप मुत्याला के त्याग का सम्मान किया.

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