नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट केवल एक खेल ही नहीं है, यहां के लोगों के लिए ये एक धर्म की तरह है. ऐसा धर्म जिसके मानने वाले सब कुछ भूल कर इस खेल के रंग में रंगे नजर आते हैं. भारत में इस धर्म का एक भगवान भी है जिसे लोग सचिन तेंदुलकर के नाम से जानते हैं. क्रिकेट के इसी भगवान का आज जन्मदिन है. सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में कई ऐसी पारियां खेली है जो क्रिकेट की दुनिया में एक इतिहास की तरह दर्ज हैं. उन्हीं खास पारियों में से एक पारी सचिन ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली थी. इस पारी को खेलने से पहले सचिन पूरे 36 घंटे चैन से नहीं सो पाए थे. आइए जानते हैं उस पारी के बारे में.
1998 में खेला गया था कोको-कोला कप
बता दें कि 1998 में कोको-कोला कप खेला जा रहा था. इस सीरीज में भारत का सामना जिम्बाब्वे से होना था. इस मैच में जिम्बाब्वे की टीम ने 209 रन बनाए थे, इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को एक के बाद एक बड़े झटके लगे. जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज हेनरी ओलंगा भारतीय बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटे और एक के बाद एक तीन विकेट चटका दिए. पहले गांगुली और द्रविड़ को आउट करने के बाद उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा विकेट यानी सचिन तेंदुलकर का विकेट लिया. लेकिन अंपायर ने नो बॉल करार दे दी और सचिन को जीवनदान मिल गया. इसकी अगली ही गेंद उन्होंने बाउंसर फेंकी और फिर सचिन को आउट किया. भारत वो मैच जिम्बाब्वे से हार गया.
हेनरी ओलंगा ने किया सचिन को आउट
हेनरी ओलंगा ने उस बल्लेबाज को आउट कर दिया जिसका नाम वह हर दिन चेन्नई में प्रैक्टिस के दौरान सुना करते थे. ओलंगा ने उस समय दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज सचिन को 2 गेंद में 2 बार आउट कर सबको चौंका दिया. सचिन को आउट करने के बाद हेनरी ओलंगा बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गए और उन्होंने सचिन तेंदुलकर को गुस्से में घूरकर देखकर विकेट का जश्न मनाया. ये बात सचिन को चुभ गई और उन्हें अगले मैच तक चैन नहीं आया.
सचिन ने बाद में एक इंटरव्यू में बताया था कि ओलंगा के आउट करने के बाद वो रात भर सो नहीं पाए थे और अगला मैच शुरू होने यानी 36 घंटे उनकी जिंदगी का सबसे लंबा वक्त था. ओलंगा ने सचिन को जिस शॉर्ट बॉल पर आउट किया था, सचिन ने उस बॉल की लगातार प्रैक्टिस की .
फाइनल मैच में सचिन ने खेली तूफानी पारी
बता दें कि भारत का अगला मुकाबला भी जिम्बाब्वे के साथ खेला जाने वाला था और वो भी कोका कोला कप का फाइनल. फाइनल मैच में भारत ने शानदार गेंदबाजी की और जिम्बाब्वे की टीम 196 रन ही बना पाई. अब मौका था भारत के बल्लेबाजी करने का यानी सचिन के बल्लेबाजी करने का. सचिन और गंगुली भारत की पारी की शुरुआत करने मैदान में उतरे.
पारी के शुरू होते ही सचिन का कहर जिम्बाब्वे या यूं कहे ओलंगा पर टूटा कि सचिन ने उस मैच में तूफानी पारी खेलते हुए 92 गेंद पर नाबाद 124 रन बनाए. सचिन ने मात्र 28 गेंद पर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की थी. सचिन ने अपनी पारी के दौरान 12 चौके और 6 छक्के जड़े. भारत ने इस मैच को अपने नाम भी किया और सचिन ने एक तरह से ओलंगा को सबक भी सिखाया.
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