7th Pay Commission: भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) ने रेलवे को पत्र लिखकर प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस (PLB) में बढ़ोतरी की मांग की है जो कर्मचारियों को हर साल त्योहारी सीजन से पहले मिलता है. रेलवे प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में सभी नॉन-गैजेटेड कर्मचारियों (Group C और Group D) को PLB का भुगतान करता है, जो 78 दिनों के वेतन के बराबर होता है. PLB की गणना सबसे निचले ग्रेड (Group D) के कर्मचारियों को दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन के आधार पर की जाती है.
IREF ने तर्क दिया है कि रेलवे ने बेशक 1 जनवरी 2016 को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कीं, फिर भी PLB की गणना और पेमेंट छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के आधार पर किया गया है.
छठे वेतन आयोग में ग्रुप डी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन केवल 7000 रुपये दिया गया था, जबकि 7वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है.
फेडरेशन के मुताबिक, ग्रुप सी और ग्रुप डी के सभी कर्मचारियों को केवल 17,951 रुपये मिलते हैं, जिसकी गणना न्यूनतम मासिक वेतन 7000 रुपये के आधार पर की जाती है.
कितने रुपये वेतन की है मांग?
उनकी मांग है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत न्यूनतम वेतन मानते हुए इसे बढ़ाकर 46,159 रुपये किया जाए.
फेडरेशन ने कहा कि इस मुद्दे से कर्मचारियों में काफी असंतोष है और रेलवे बोर्ड को जल्द से जल्द इसका समाधान करना चाहिए.
पिछले साल अक्टूबर में रेल मंत्रालय ने PLB की घोषणा करते हुए कहा था कि 11.27 लाख नॉन-गैजेटेड रेलवे कर्मचारियों को बोनस से फायदा होने की संभावना है.
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