नई दिल्ली: हाल ही में सामने आई एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों के हाथों में बॉडी फैट ज्यादा स्टोर होता है उनमें अल्जाइमर और पार्किंसन डिजीज का खतरा ज्यादा रहता है. वहीं जिनकी मांसपेशियां ज्यादा मजबूत होती है उनमें कम मजबूती वाले लोगों के मुकाबले बीमारी का खतरा कम होता है.
स्टडी में हुआ खुलासा
चीन में 'सिचुआन यूनिवर्सिटी' के डॉक्टर शिशी जू के नेतृत्व में टीम ने यूके बायोबैंक में हिस्सा लेने वाले 412,691 व्यसकों के 9 साल के डाटा का विश्लेषण किया. स्टडी की शुरूआत में औसतन 56 साल की उम्र वाले लोगों में से 8,224 को अल्जाइमर और पार्किंससंस रोग समेत डिमेंशिया विकसित हुआ. स्टडी में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों की मांसपेशियों की पकड़ मजबूत थी उनमें अल्जाइमर और पार्किंस रोग का खतरा 26 प्रतिशत कम था.
शरीर के लिए खतरा है बॉडी फैट
शोधकर्ताओं का मानना है कि न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग को विकसित करने में मांसपेशियां भी बड़ी अहम भूमिका निभाती हैं. रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन लोगों का पैरों के मुकाबले हाथ में ज्यादा फैट होता है उनमें न्यूरोडीजेनेरेटिव कंडीशन का खतरा 18 प्रतिशत ज्यादा होता है. जू और उनकी टीम को संदेह है कि हाथों के नीचे जमी चर्बी इस बात का संकेत हो सकती है कि हमारे शरीर में खूब सारा फैट स्टोर हो रहा है. इसमें मांसपेशियां भी शामिल हैं. इससे सूजन बढ़ती है और ब्लड वेसल्स की परत को नुकसान पहुंचता है, जिससे सीधा हृदय रोग होता है. जू के मुताबिक परत में होने वाली यह शिथिलता न्यूरोडीजनरेशन में भी शामिल हो सकती है.
हाथ में दर्द को न करें इग्नोर
'द सन' के साथ बातचीत में NHS ओक्स फैमिली प्रैक्टिस की वरिष्ठ जीपी पार्टनर डॉक्टर हेलेन ने बताया कि हाथ हमें सामान्य हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के बारे में काफी कुछ बता सकते हैं. अगर आपको हाथों में दर्द, तकलीफ या ऐंठन महसूस होती है तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं. कई मामलों में यह पीठ से जुड़ी समस्या भी हो सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी स्टडी पर आधारित है, Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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