अगर सरकार ने मान ली ये डिमांड, तो घर बनाना हो जाएगा सस्ता, घट जाएंगी ईंट की कीमतें
ईंट निर्माताओं ने सरकार से ईंट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर छह प्रतिशत से घटाकर पहले के एक प्रतिशत के स्तर तक कम करने की मांग की है.
नई दिल्ली: अगर आप घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. आने वाले वक्त में ईंट के दाम में गिरावट देखने को मिल सकती है. जिसका असर घर बनाने की लागत पर भी पड़ेगा. दरअसल बात ये है कि ईंट निर्माताओं ने सरकार से जीएसटी घटाने की डिमांड की है.
घटा कर इतने फीसदी की जाए GST
करीब चार महीने से हड़ताल पर चल रहे ईंट निर्माताओं ने सरकार से ईंट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर छह प्रतिशत से घटाकर पहले के एक प्रतिशत के स्तर तक कम करने की मांग की है. ऑल इंडिया ब्रिक एंड टाइल मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन के महासचिव ओमवीर सिंह भाटी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नयी जीएसटी दर एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी है.
मुश्किल वक्त में है ईंट कारोबार
ओमवीर सिंह भाटी ने कहा, "हम कठिन समय का सामना कर रहे हैं. पूरे देश में हमारे भट्टे इस समय बंद हैं क्योंकि मांग के अभाव और उच्च लागत के कारण हमारे लिए कारोबार करना मुश्किल हो रहा है. हम सरकार से जीएसटी को कम करने की मांग करते हैं." उन्होंने ईट बनाने वाली इकाइयों के बंद होने के कारणों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन से चार महीनों से भट्ठा मालिक देशव्यापी हड़ताल पर हैं. डेढ़ करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले व्यवसायों पर एक प्रतिशत जीएसटी था.
ईंट पर बढ़ाई गई है GST
सरकार ने केवल ईंट उद्योग के लिए जीएसटी को बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दिया है और यह दूसरी अन्य चीजों के लिए पहले की ही तरह है. उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में वृद्धि का निर्णय पिछले साल जीएसटी परिषद की बैठक में लिया गया था.
उन्होंने कहा कि ईंटों के लिए कच्चे माल में से एक कोयले पर भी जीएसटी दर को पहले के पांच प्रतिशत की तुलना में बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है. यह एक श्रम प्रधान उद्योग है और सरकार को जीएसटी बढ़ाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. भारत में लगभग 1.5 लाख से अधिक ईंट भट्टे हैं. भाटी ने कहा कि बंद के कारण करीब तीन करोड़ कर्मचारी काम से दूर हैं.
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