अर्धसैन्य बलों के बच्चों के करियर संवार रहा है BSF का इंजीनियरिंग कॉलेज RJIT

आरजेआईटी में ऑटोमाबाइल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक/बीई की डिग्री की जा सकती है. वहीं ऑटोमोबाइल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एमटेक भी ये संस्थान ऑफर करता है. इसके अलावा छात्र यहां एमसीए भी कर सकते हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 17, 2021, 12:40 PM IST
  • आरजेआईटी में छात्रों के प्रैक्टिकल के लिए शानदार लैब्स और फैकल्टी हैं
  • 2021-22 में कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसलिंग जल्दी ही शुरू होने वाली है
अर्धसैन्य बलों के बच्चों के करियर संवार रहा है BSF का इंजीनियरिंग कॉलेज RJIT

नई दिल्ली: हमारे देश में हर अभिभावक बच्चों को अपने पैरों पर खड़े होता देखना चाहते हैं. हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा-बेटी अच्छी से अच्छी डिग्री हासिल करके अपने परिवार और देश का नाम रोशन करे. भारत के वीर सपूत भी अपने बच्चों के लिए ऐसी ही आशा रखते हैं कि उनके बच्चे भी पढ़लिख कर डॉक्टर इंजीनियर बनें.

जवानों के इसी तरह के सपनों को पूरा करने की कोशिश पिछले दो दशक से सीमा सुरक्षा बल द्वारा ग्वालियर के निकट स्थित बीएसएफ अकादमी टेकनपुर स्थित रुस्तमजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर रहा है. बीएसएफ द्वारा चलाए जाने वाले इस इंजीनियरिंग कॉलेज की नाम सीमा सुरक्षा बल के पहले महानिदेशक केएफ रुस्तमजी के नाम पर रखा गया है. साल 1999 में इस कॉलेज की स्थापना हुई थी और तब से लेकर यहां से पढ़कर निकले इंजीनियर देश दुनिया में नाम रोशन कर रहे हैं.

50 प्रतिशत सीटें हैं अर्धसैन्य बलों के बच्चों के लिए आरक्षित
आरजेआईटी में ऑटोमाबाइल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक/बीई की डिग्री की जा सकती है.

वहीं ऑटोमोबाइल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एमटेक भी ये संस्थान ऑफर करता है. इसके अलावा छात्र यहां एमसीए भी कर सकते हैं. 

कैसे होता है एडमीशन 
आरजेआईटी में प्रवेश के लिए दो व्यवस्थाएं हैं. पहला तरीका बीएसएफ/केंद्रीय पुलिस बलों के लिए आरक्षित सीटों में प्रवेश का है. जिसमें से 40 प्रतिशत सीटें बीएसएफ और 10 प्रतिशत अन्य अर्धसैन्य बलों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं. इसमें प्रवेश के लिए कॉलेज अपने स्तर पर हर साल प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है. कॉलेज में उपलब्ध पचास प्रतिशत सीटों पर इस तरह प्रवेश दिया जाता है. इसके अलावा मध्यप्रदेश कोटे की पचास प्रतिशत सीटें जेईई मेन्स परीक्षा और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर भरी जाती हैं. 

आरजीपीवी से है संबद्ध
एआईसीटी से मान्यता प्राप्त आरजेआईटी मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध है. साल 2014 में टाइम्स ऑफ इंडिया ने देश के टॉप 100 इंजीनियरिंग कॉलेज की सूची में आरजेआईटी को 84वें स्थान पर जगह दी थी. 

 

आरजेआईटी में छात्रों के प्रैक्टिकल के लिए शानदार लैब्स और फैकल्टी हैं. यहां जानी मानी ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्स वैगन ने वीजीटैप (VGTAP)कार्यक्रम के तहत आधुनिक लैब स्थापित की है. वहीं एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी नेशनल नॉलेज नेटवर्क लैब कार्यक्रम के तहत आरजेआईटी में लैब स्थापित की है. 

कैंपस प्लेसमेंट
आरजेआईटी का कैंपस प्लेसमेंट भी अच्छा है. हर साल यहां छात्रों के सिलेक्शन के लिए देश की नामी कंपनियां आती हैं जिसमें एसेंचर, विप्रो, कॉग्नीजेंट, हीरो मोटोकॉप, ऑडी, इन्फोसिस, टीवीएस, मोबिल, जीई आदि शामिल हैं. कोरोना संकट के बीच पिछले साल आरजेआईटी के छात्र-छात्राओं को औसतन 4.5 लाख का पैकेज मिला है. वहीं सबसे ज्यादा पैकेज 12.02 लाख का रहा है. पिछले साल तकरीबन 67 प्रतिशत छात्र नौकरी पाने में सफल रहे हैं. 

साल 2021-22 बैच की काउसलिंग
साल 2021-21 में कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसलिंग जल्दी ही शुरू होने जा रही है. बीएसएफ/सीएपीएफ कोटा की काउंसलिंग 22 सितंबर, 2021 से शुरू होगी. जो तकरीबन एक महीने तक चलेगी. वहीं ऑलइंडिया कोटा और मध्य प्रदेश राज्य की सीटों के लिए काउंसलिंग 25 सितंबर को शुरू होगी.

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