नई दिल्ली: भारत में टैक्स स्लैब की शुरुआत आजादी के बाद से हो गई थी, पहली बार 26 नवंबर 1947 को भारत का पहला आम बजट पेश किया गया था. जिसके साथ ही टैक्स स्लैब की शुरुआत हो गई थी, उसके साथ ही फिर इसमें टाइम-टाइम पर बदलाव होता रहा है.
क्या इस बजट में पूरी होंगी मिडिल क्लास की उम्मीदें?
1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है, बजट से इस बार भी हर वर्ग अपने लिए उम्मीद लगाए बैठा है कि वित्तमंत्री जी शायद उनके वर्ग को कुछ छूट देंगी. सबसे बड़ी उम्मीद तो मिडिल क्लास को है कि वित्तमंत्री 9 साल से सूखे पड़े इनकम टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव करेंगी और राहत वाला मरहम लगाएंगी. फिलहाल ये सिर्फ कयास है.
सरकार द्वारा अंतिम बार इनकम टैक्स में छूट साल 2014 में दी गई थी. उसके बाद 9 साल से इनकम टैक्स स्लैब में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है. हालांकि पिछले साल के बजट (Budget 2022-23) में सरकार ने थोड़ा परिवर्तन जरूर किया था.
वर्तमान में इनकम टैक्स स्लैब
भारत में कारोबार, नौकरी या अन्य किसी पेशे से आमदनी करने वाले लोगों को टैक्स देना जरूरी होता है, वर्तमान समय में अगर हम टैक्स स्लैब की बात करें तो वो कुछ इस तरह है.
आमदनी | टैक्स स्लैब |
---|---|
2.5 लाख रुपये तक | शून्य फीसदी |
2.5 से 5 लाख रुपये तक | 5 फीसदी |
5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक | 10 फीसदी |
7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक | 15 फीसदी |
10 लाख से 12.5 लाख रुपये तक | 20 फीसदी |
12.5 लाख से 15 लाख रुपये तक | 25 फीसदी |
15 लाख रुपये से ज्यादा | 30 फीसदी |
2.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर आप को कोई टैक्स नहीं देना होता है. वहीं अगर आपकी आमदनी 2.5 रुपये से 5 लाख रुपये तक है, तो आप 5 फीसदी टैक्स स्लैब में आ जाएंगे. 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स स्लैब लागू हो जाता है. 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की कमाई पर आपको 15 फीसदी टैक्स देना होता है. साथ ही 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स दर लागू होती है. 12.5 लाख 15 लाख रुपये की कमाई पर आप 25 फीसदी टैक्स स्लैब में आ जाएंगे और अगर आप की इनकम 15 लाख रुपये से ज्यादा से ज्यादा है तो आपको 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
मिडिल क्लास वर्ग का अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान
आर्थिक अनुसंधान संगठन पीपल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी (प्राइस) ने भारत की आबादी की आर्थिक समीक्षा पर एक सर्वे पेश किया था. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 2004-2005 में माध्यम वर्ग की आबादी 16 फीसदी थी, जो 2021-2022 में बढ़कर 31 फीसदी हो गई है. रिपोर्ट में ये बताया गया है कि 2047 तक ये संख्या 63 फीसदी हो जाएगी.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि मिडिल क्लास देश का सबसे मजबूत स्तम्भ है, ऐसे में हर बार इसे नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा. ऐसे में शायद इस बार सरकार मध्यम वर्ग को टैक्स में रियायत दे दे. अब देखना ये होगा कि इस बार बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में छूट देकर आम आदमी की जेब को मालामाल करेंगी या फिर जो सूखा मिडिल क्लास 9 साल से झेल रहा है, वो ऐसे ही बरकरार रहेगा.
इसे भी पढ़ें- बजट के दिन कैसा रहता है शेयर मार्केट का हाल? मोदी सरकार में निफ्टी-सेंसेक्स ने दिया बंपर रिटर्न!
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.