नई दिल्ली.  यह आलेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए है. हम ये नहीं कह रहे कि आपको कोरोना का संक्रमण हो तो आप च्यवनप्राश का दवाई की तरह सेवन करें. सामान्य स्थितियों में नीरोगता बढ़ाने में च्यवनप्राश आपके स्वास्थ्य की सहायता कर सकता है क्योंकि इसके अंदर मौजूद सभी तत्व नीरोगता बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं.


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औषधियों का मिश्रण है


च्यवनप्राश मूल रूप से औषधियों का एक मिश्रण है. बहुत सी औषधियों को मिला कर इसका निर्माण होता है. ये सभी औषधियां नीरोगता बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं और इस नीरोगता के गुण की वजह हैं इन औषधियों के भीतर मौजूद नीरोगता के तत्व. 


संक्रमण का खतरा कम होता है


आज कोरोना काल में दुनिया चीनी वायरस से पैदा हो रहे संक्रमण से जूझ रही है. दुनिया को इस वक्त सख्त जरूरत है कोरोना वैक्सीन की और कोरोना मेडिसिन की. ऐसे में जब तक कोरोना वैक्सीन या कोरोना दवा जनता को उपलब्ध नहीं हो जाती, इस कोरोना काल में फायदेमंद है च्यवनप्राश का सेवन. सर्वविदित तथ्य है ये कि च्यवनप्राश आपकी आपकी नीरोगता बढ़ाता है और यह नीरोगता आपके ऊपर मंडरा रहे संक्रमण के खतरे को कम करती है. 


छत्तीस जड़ी-बूटियां हैं इसमें 


च्यवनप्राश चाहे किसी भी कम्पनी का बना हो, इसके निर्माण में चौंतीस से छत्तीस जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है. आंवला, ब्राह्मी जैसी औषधियां, जो च्यवनप्राश के निर्माण में उपयोग की जाती हैं, हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं. आंवले में विटामिन सी होता है जो मानव शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का संवर्धन करता है.


फेफड़ों के लिए फायदेमंद


कोरोना संक्रमण में फेफड़ों पर वायरस का आक्रमण होता है. डॉक्टर्स तो ये भी कहते हैं कि कोरोना वायरस सबसे अधिक हमारे फेफड़ों पर बुरा असर डालता है. फेफड़ों पर वायरस के असर से सांस संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं. और वहीं च्यवनप्राश श्वसन संबंधी संक्रमण को रोकने का काम करता है, साथ ही फेफड़ों की कार्यप्रणाली को भी सुधारता है.


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