धड़ल्ले से बिक रहा है डुप्लिकेट सैनेटाइजर, जानिए कैसे करें पहचान?
कोरोना वायरस की वजह से सैनेटाइजर की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है इसका फायदा उठाकर डुप्लिकेट सैनेटाइजर की बाज़ार में बाढ़ आ गई है. दिल्ली, नोएडा, मुंबई समेत कई शहरो में छापे मारकर ऐसे डुप्लिकेट सैनेटाइजर बनाने वालों को पकड़ा गया है. लेकिन सवाल ये उठता है कि डुप्लिकेट और असली सैनेटाइजर की पहचान कैसे करें? पढ़ें, ये खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: कोरोना की दहशत पूरी दुनिया में फैली है, भारत में भी है. डॉक्टर्स ने साबुन या सैनेटाइजर से बार-बार हाथ साफ करने को कहा है. इसलिए सैनेटाइजर्स की मांग बहुत बढ़ गई है और कुछ मुनाफाखोर इसी का फायदा उठा रहे हैं. नकली सैनेटाइजर्स बेंचने का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है.
धड़ल्ले से जारी है नकली सैनेटाइजर्स बेंचने का खेल
प्लास्टिक की बोतलों में ब्रैंडेड सैनेटाइजर की तरह से पैकिंग की जा रही है. ऐसे सैनेटाइजर्स आपको मेडिकल स्टोर में दिखाई दे जाएंगे. लेकिन आप इन्हें असली समझने की गलती न करें. डुप्लिकेट सैनेटाइजर्स की बिक्री की जा रही है. मुंबई के वाकोल इलाके में फूड एंड ड्रग्स अथॉरिटी ने डुप्लिकेट सैनेजाइजर बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारकर इन्हें जब्त किया है. नकली सैनेटाइजर को बोतलों में भरा जा रहा है. साबुन के पानी और कुछ केमिकल मिलाकर सैनेटाइजर बनाया जा रहा. जिसे खूबसूरत पैकिंग में रिटेल मार्केट में बेचा जा रहा है.
पुणे में नकली सैनेटाइजर बनाने वाला गिरोह
मुंबई की तरह महाराष्ट्र के पुणे में भी नकली सैनेटाइजर बनाने वाले गिरोह को पकड़ा गया. पुणे पुलिस ने अजय गांधी नाम के शख्स को पकड़ा जो घर में ही नकली सैनेटाइजर बनाकर बाजार में बेच रहा था. लोग शक न करें इसलिए वो ब्रांडेड कंपनियों के नकली स्टीकर बोतलों पर लगाकर बेचता था. पुलिस ने 1 लाख 20 हजार रुपये के नकली सैनेटाइजर को जब्त किया.
नोएडा में डुप्लिकेट सैनेटाइजर्स की गई जब्त
नोएडा में भी ये खेल जारी है. नकली सैनेटाइजर्स को फैक्ट्री में बिना लाइसेंस तैयार किया जा रहा था. नोएडा के फेस-3 में छापा माकर नकली सैनेटाइजर की सौ से ज्यादा पेटियां जब्त की गईं. अब सवाल उठता है कि बाजार में तरह-तरह के अलग-अलग ब्रांड के सैनेटाइजर्स मौजूद हैं तो असली-नकली का फर्क कैसे किया जाए.
कैसे करें असली-नकली सैनेटाइजर की पहचान?
ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे दुकान में ऑन द स्पॉट आप सैनेटाइजर की गुणवत्ता का टेस्ट कर सकें. लेकिन आप अगर किसी मेडिकल स्टोर से सैनिटाइज़र या मास्क खरीदते हैं तो उसका बिल ज़रूर लें. अगर रिटेलर ने प्रोडक्ट सही तरीके से हासिल किए हैं तो बिल देने में कोई आपत्ति नहीं होगी. इसके अलावा आप सैनेटाइजर के पैकिंग पर मैन्युफैक्चर के नाम-पते के साथ लाइसेंस या बैच नंबर भी चेक कर सकते हैं, इसकी गैर मौजूदगी प्रोडक्ट की क्वालिटी पर सवाल जरूर खड़े कर सकती है. कोशिश करें कि पहचान वाले ब्रांड का ही सैनेटाइजर खरीदें.
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कुछ लोगों को इंसानियत से ज्यादा पैसों से मोहब्बत है. पैसा कमाने के लिए लोगों की जान से भी खिलवाड़ कर सकते हैं. जांच एजेंसियों का कहना है कि नकली सैनेटाइजर कई जगह धडल्ले से बेचे जा रहे हैं. इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
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