नई दिल्ली: अगर आपको भी खाने में ऊपर से नमक डालने की आदत है तो सावधान हो जाइए. एक शोध से यह बात सामने आई है कि इससे क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का खतरा बढ़ सकता है. हाई ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (किडनी टेस्ट) वाले लोगों और कम बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों में यह जोखिम अधिक स्पष्ट था.
क्रोनिक किडनी रोग के बढ़ते जोखिम
465,288 प्रतिभागियों पर किए गए शोध से यह पता चला कि खाद्य पदार्थों में नमक जोड़ने की आदत सीकेडी (क्रोनिक किडनी रोग) के बढ़ते जोखिम के साथ महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई है.जामा नेटवर्क में प्रकाशित पेपर में टीम ने पाया कि जो लोग अपने भोजन में नमक जोड़ते हैं, वे उन लोगों की तुलना में बीमारी की अधिक संभावना रखते हैं जो अपने भोजन में नमक नहीं जोड़ते.
रुई तांग ने कहा
अमेरिका में तुलाने विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान विभाग से रुई तांग ने कहा,'' निष्कर्षों से पता चलता है कि मेज पर भोजन में नमक जोड़ने की आदत को कम करना सामान्य आबादी में सीकेडी (क्रोनिक किडनी रोग) जोखिम को कम करने के लिए एक मूल्यवान रणनीति हो सकती है. पिछले अध्ययनों से पता चला है कि खाद्य पदार्थों में नमक जोड़ने की आदत हृदय रोगों, समय से पहले मृत्यु दर और टाइप 2 मधुमेह के बढ़ते जोखिम से जुड़ी थी.
क्रोनिक किडनी रोग
टीम ने यह भी देखा कि नियमित शारीरिक गतिविधि करने वाले प्रतिभागियों में सीकेडी (क्रोनिक किडनी रोग) के साथ सोडियम सेवन का संबंध उन प्रतिभागियों की तुलना में कम था जो कम शारीरिक रूप से सक्रिय थे. शोधकर्ताओं ने कहा कि यह निष्कर्ष पूर्व अध्ययनों द्वारा समर्थित है, जिसमें बताया गया था कि बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि बेहतर सीकेडी (क्रोनिक किडनी रोग) परिणामों से जुड़ी थी.
इनपुट-आईएएनएस
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