नई दिल्ली: एम्स (AIIMS) में भारत बायोटेक और आईसीएमआर (ICMR) की बनाई गई, वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल ज़ोर शोर से चल रहा है और वैक्सीन (Vaccine) को लेकर लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ चुकी हैं. इसी बीच सरकार ने एक शुभ समाचार (Good News) दिया.


कोरोना वैक्सीन पर Good News


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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने जानकारी दी कि जनवरी के किसी भी हफ्ते में भारत (India) में वैक्सीनेशन (Vaccination) शुरू हो जाएगा. हालांकि, वैक्सीन की सुरक्षा और उसके प्रभाव पर भी नज़र रहेगी.



स्वास्थ्य मंत्री ने देश को ये भी बताया कि सरकार लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करेगी लेकिन वैक्सीन लगवाना व्यक्ति की मर्ज़ी पर होगा. उन्होंने कहा कि "वैक्सीन किसी को FORCE  करके नहीं दिया जा सकता है, ये उस व्यक्ति की मर्जी पर है की वो वैक्सीन लगवाए या नहीं. हम उसको वैक्सीन के बारे में  शिक्षा और मार्गदर्शन देंगे."


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पहले किसे मिलेगी Vaccine?


स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके पर इस सवाल का भी जवाब दिया कि Vaccine पहले किसे मिलेगी? उन्होंने बताया कि "जिन 30 करोड़ लोगों को पहले vaccine दी जाएगी उनमें 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मी, 2 करोड़ frontline workers, 50 वर्ष से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोग और 50 वर्ष से कम उम्र के करीब एक करोड़ लोग हैं जिनको कोई ​बीमारी है."



भारत में Vaccination की तैयारी


डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत Vaccine के विकास व रिसर्च में किसी से पीछे नहीं है. Vaccine की सुरक्षा, प्रभावशीलता, प्रतिरक्षात्मकता को लेकर भारत किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा. हमारे regulator बहुत गहराई और गंभीरता से आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत में Vaccination की तैयारी कैसी है?



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सरकार के इस बयान से साफ है कि वैक्सीन को लेकर तैयारी पूरी है, लेकिन सवाल उठता है कि जनवरी से लगने वाली ये वैक्सीन आख़िर होगी कौन सी?


जानकारों के मुताबिक भारत के सीरम इंस्टीट्यूट और ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राज़ेनेका के सहयोग से बनी कोविशील्ड वैक्सीन और कोवैक्सीन जिसे भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर बनाया है, रेस में सबसे आगे है और दोनों ही वैक्सीन कंपनियों ने भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा फाइज़र वैक्सीन ने भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी मांगी है.


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वहीं, ज़ाईकोव-डी भारत बायोटेक की नज़ल वैक्सीन और रूस की स्पूतनिक-वी भी ट्रायल फेज़ में हैं यानी इनमें से कोई भी वैक्सीन हो सकती है, जिसपर सरकार को अंतिम फैसला लेना है. लेकिन इतना जरूर है कि 2021 की जनवरी से वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और कोरोना अंतिम सांसें गिनेगा.


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