नई दिल्लीः Government Jobs: सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है. एक राज्य में मुख्यमंत्री ने एक लाख नई भर्तियों का ऐलान किया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये भर्तियां पूर्व में किए गए सरकारी नौकरियों की भर्ती के ऐलान से अलग होंगी. राज्य में सभ सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने के लिए ये भर्तियां आयोजित होंगी.
राजस्थान में आएंगी एक लाख नई भर्तियां
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को सदन में बजट बहस में हिस्सा लेते हुए राज्य में एक लाख भर्तियों की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की.
राज्य के बाहर भी मिलेगी अंग प्रत्यारोपण की सुविधा
योजना के तहत अब प्रदेश के बाहर के अस्पतालों में भी अंग प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध होगी. मुख्यमंत्री ने 10 फरवरी को पेश बजट में चिरंजीवी योजना के तहत इलाज की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की घोषणा की थी. गहलोत ने चुनावी वर्ष में सतर्कता जांच रिपोर्ट (वीसीआर) भरने वाले किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए 'स्वैच्छिक भार वृद्धि' योजना की भी घोषणा की. इस योजना के तहत किसानों को स्व-भार घोषित करने के लिए दंडित नहीं किया जाएगा और वीसीआर नहीं भरा जाएगा.
राजस्थान में 17 नए कॉलेज खोलने का ऐलान
मुख्यमंत्री ने राज्य में 17 नए कॉलेज खोलने की योजना की घोषणा की. इसके अलावा सात नए कन्या महाविद्यालय भी खोले जाएंगे. गहलोत ने कहा कि जयपुर के हवामहल विधानसभा क्षेत्र में उर्दू बीएड कॉलेज की स्थापना से प्रदेश में पांच नए आईटीआई भी खुलेंगे. वहीं, 2500 राजीव गांधी युवा मित्रों की भर्ती की जाएगी.
संभागीय स्तर पर एक-एक स्कूल में रक्षा सेवा तैयारी संस्थान खोला जाएगा, जबकि जयपुर और जोधपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में एक-एक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए उत्कृष्टता केंद्र खोला जाएगा.
सीकर में बनाया जाएगा मिनी सचिवालय
सरकार सीकर में मिनी सचिवालय भी बनवाएगी. इसके अलावा अजमेर और दौसा में दो अतिरिक्त जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय भी स्वीकृत किए गए हैं. गहलोत ने कहा कि इसके अलावा जोधपुर में दो एसडीएम कार्यालय खोलने के अलावा हनुमानगढ़ के नोहर में रोडवेज डिपो का निर्माण भी कराया जाएगा.
विवाह के बाद भी मिलेगी पारिवारिक पेंशन
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने की दशा में उसके विकलांग पुत्र या पुत्री को विवाह के बाद भी पारिवारिक पेंशन मिलेगी. अभी तक राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1996 के तहत केवल अविवाहित विकलांग पुत्र-पुत्रियां ही परिवार पेंशन के हकदार थे.
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