Health Tips: 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ा, बचाव के लिए अपनाएं ये पांच उपाय

Health Tips: जब हम उम्र के 20वें और 30वें साल में होते हैं तो हममें से अधिकांश लोग कैंसर के बारे में नहीं सोचते हैं. लेकिन, हाल के शोध से पता चला है कि 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में पहले की किसी भी पीढ़ी की तुलना में 50 साल की उम्र से पहले कैंसर होने की आशंका अधिक है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 5, 2022, 07:13 PM IST
  • धूम्रपान न करें
  • सुरक्षित सेक्स करें
Health Tips: 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ा, बचाव के लिए अपनाएं ये पांच उपाय

नई दिल्लीः Health Tips: जब हम उम्र के 20वें और 30वें साल में होते हैं तो हममें से अधिकांश लोग कैंसर के बारे में नहीं सोचते हैं. लेकिन, हाल के शोध से पता चला है कि 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में पहले की किसी भी पीढ़ी की तुलना में 50 साल की उम्र से पहले कैंसर होने की आशंका अधिक है. 

जीवनशैली में बदलाव हो सकता है लाभदायक
जब कैंसर की बात हो तो, कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें हम इस मामले में नहीं बदल सकते हैं. जैसे- कुछ जीन जो हमें विरासत में मिले हैं, लेकिन सभी प्रकार के कैंसर रोगों में से आधे से अधिक को रोका जा सकता है. इसका मतलब है कि हम जीवन के शुरुआती काल में जो जीवन शैली पसंद करते हैं, वे बाद में हमारे कैंसर रोग होने के जोखिम पर एक बड़ा प्रभाव डाल सकती है. 

यहां जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव का जिक्र किया गया है, जिन्हें आप कैंसर के खतरे को कम करने के लिए अपना सकते हैं. 

1. धूम्रपान न करें
धूम्रपान न केवल हर साल फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है, बल्कि यह मुंह और गले के कैंसर सहित 14 अन्य प्रकार के कैंसर से भी जुड़ा है. शोध से पता चलता है कि नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले 10 में से नौ लोग 25 वर्ष की आयु से पहले धूम्रपान करना शुरू कर देते हैं. यदि आप कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो धूम्रपान न करें या आप करते हैं तो छोड़ दें. 

चूंकि वाष्पिंग (वेपिंग) निश्चित रूप से धूम्रपान से कम हानिकारक है, इसके दीर्घकालिक प्रभावों का अभी तक अध्ययन नहीं किया गया है. इस कारण ‘कैंसर रिसर्च यूके’ की अनुशंसा है कि आपको धूम्रपान छोड़ने के लिए केवल ई-सिगरेट का इस्तेमाल करना चाहिए. 

2. सुरक्षित सेक्स करें
एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) - जिससे जननांग में गांठ/मस्सा बनता है - दुनिया में सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है. यह कई प्रकार के कैंसर का कारण भी बन सकता है - जिसमें गर्भाशय ग्रीवा, लिंग, मुंह और गले का कैंसर भी शामिल है. एचपीवी से जुड़ा कैंसर विशेष रूप से युवा लोगों में आम है. अकेले ब्रिटेन में, सर्वाइकल कैंसर की पहचान सबसे अधिक 30-34 आयु वर्ग की महिलाओं में की जाती है. यह भी माना जाता है कि एचपीवी की बढ़ती दर युवा पुरुषों में मुंह के कैंसर में हालिया वृद्धि की व्याख्या कर सकती हैं. 

3. स्वस्थ वजन बरकरार रखें
अधिक वजन या मोटापे को आंत्र, स्तन, गर्भाशय और अग्न्याशय सहित 13 विभिन्न कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है. अतिरिक्त वसा शरीर में सूजन पैदा करता है, जो ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देता है तथा कैंसर कोशिकाओं को विभाजित करने में मदद करता है. वसा कोशिकाएं हार्मोन एस्ट्रोजन का भी उत्पादन करती हैं, जो स्तन और गर्भ में ट्यूमर को बढ़ा सकती हैं. 

इसी वजह से महिलाओं में कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. अधिक वजन या मोटापे से जुड़ा कैंसर अधिक आम होता जा रहा है. यही नहीं केवल खराब आहार भी कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है. उदाहरण के लिए, बहुत अधिक लाल और प्रसंस्कृत मांस खाने से आंत का कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. 

दूसरी तरफ साक्ष्यों से पता चलता है कि फाइबर और विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों से युक्त स्वस्थ, संतुलित आहार खाने से वास्तव में कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो जाता है. सही आहार लेना और स्वस्थ वजन बनाए रखने की कोशिश करना दोनों ही बाद में कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने के बेहतरीन तरीके हो सकते हैं. 

4. शराब कम पिएं
शराब जिगर, स्तन और ग्रासनली सहित कई तरह के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाने के लिए जानी जाती है. हालांकि, स्थिति ऐसी है कि आप जितना अधिक पीते हैं, उतना ही अधिक जोखिम होता है, लेकिन यह भी कहा जाता है कि नियंत्रित शराब पीने से भी दुनिया भर में कैंसर के वार्षिक बोझ में एक लाख मामलों की बढ़ोतरी होती है. आपके पीने की मात्रा को कम करना - या इसे पूरी तरह से छोड़ देना - आपके कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करेगा. 

5. सनस्क्रीन लगाएं
त्वचा कैंसर 40 वर्ष से कम उम्र में पता लगाए जाने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है. यह भी पिछले कुछ दशकों में अधिक आम हो गया है. त्वचा कैंसर का प्राथमिक कारण पराबैंगनी विकिरण है - या तो यह सूरज से निकलती है या टैनिंग बेड से. चूंकि पराबैंगनी विकिरण के प्रभाव संचयी होते हैं, इसलिए सूर्य के संपर्क में आने वाले त्वचा के क्षेत्र में कैंसर विकसित होने की सबसे अधिक आशंका होती है.

जब भी आप तेज धूप में बाहर जाते हो तो धूप से सुरक्षा का उपाय करके आप त्वचा के कैंसर से अपनी रक्षा कर सकते हैं. इसमें टोपी पहनना, कपड़ों से ढकना आदि शामिल हैं. अन्य तरीके जिनसे आप कैंसर से बचाव करते हुए अपने संपूर्ण स्वास्थ्य और फिटनेस में सुधार कर सकते हैं, उनमें शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और वायु प्रदूषण से बचना शामिल है.

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