नई दिल्ली: रेल यात्रा के दौरान, मुसाफिरों को लोकल सामान खरीदने और लोकर खान-पान का लुत्फ उठा पाने के लिहाज से भारतीय रेलवे अब, ट्रेनों कें अंदर फेरीवालों को सामान बेचने की अनुमति देने जा रही है. बता दें कि एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत भारतीय रेलवे स्थानय उत्पादों को बढ़ावा देने की प्लानिंग पर तेजी के साथ काम कर रही है. इसी प्लानिंग के तहत भारतीय रेलवे द्वारा फेरी वालों का ट्रेनों के अंदर और स्टेशनों पर सामान बेचने की अनुमति देने की तैयारी की जा रही है.
मिलेगी गाड़ी और गुमटी
स्टेशन और ट्रेन में सामान बेचने के लिए भारतीय रेलवे इन फेरीवालों को सजावटी गाड़ियां और गुमटी भी उपलब्ध करवाएगी. इस साल केंद्रीय बजट में घोषित 'एक स्टेशन एक उत्पाद' नीति के तहत रेलवे का लक्ष्य हर स्टेशन पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है. बता दें कि, पहले फेरीवाले रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेन में सवार होकर स्थानीय उत्पाद बेचते थे, जिनमें ज्यादातर खाने-पीने का सामान होता था. हालांकि, वे रजिस्टर्ड नहीं होते थे.
सामान बेचने की लगेगी फीस
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि हर फेरीवाले को अपना सामान बेचने के लिए 1,500 रुपये का शुल्क देना होगा, हालांकि, वह केवल 15 दिन के लिए अपना माल बेच सकेंगे. उसके बाद वह स्थान दूसरे फेरीवाले को दे दिया जाएगा. भारतीय रेल की नई पहल के तहत हालांकि, अब पेश की जाने वाली चीजों में खाद्य उत्पादों से लेकर हस्तशिल्प और घरेलू सामान से लेकर सजावटी सामान तक होंगे और उन्हें रेलवे की परमिशन से बेचा जाएगा. फिलहाल, सिर्फ आईआरसीटीसी-अनुमोदित विक्रेताओं को ही स्टेशन और ट्रेन में सामान बेचने की अनुमति है. स्टेशन पर स्थानीय सामान बेचने वाले फेरीवालों को अब ट्रेन में चढ़ने और यात्रियों को अपना सामान देने के लिए अगले स्टेशन तक यात्रा करने की भी परमिशन होगी.
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