क्या कोरोना वायरस को हमारे नोट पसंद हैं?

क्या नोट कोरोना फैलाने में मदद कर सकते हैं? जब हम जानते हैं कि कोरोना वायरस किसी भी वस्तु पर आठ दिनों तक जीवित रह सकता है तो फिर नोटों पर क्यों नहीं..क्या नोट खतरनाक हैं आज कोरोना के इस दौर में?  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 19, 2020, 04:03 AM IST
    • क्या कोरोना वायरस को हमारे नोट पसंद हैं?
    • क्या नोट कोरोना फैलाने में मदद कर सकते हैं?
    • डॉक्टर्स ने कहा - हां, बिलकुल !
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा - सम्भव है
क्या कोरोना वायरस को हमारे नोट पसंद हैं?

नई दिल्ली. आज कोरोना देश की ही नहीं दुनिया की भी सबसे बड़ी समस्या है. भारत भाग्यशाली रहा है कि इस विकट समस्या पर शुरूआती दौर में काबू पाने में कामयाब रहा है. धीरे धीरे इस समस्या की परतें खुलती जा रही हैं और इससे जुडी नई नई चीज़ें सामने आ रही हैं. अब ध्यान दिया जा रहा है कि कौन कौन सी ऐसी वस्तुएं हैं जो कोरोना वायरस के लिए करियर का काम कर सकती हैं. क्या हमारी कागज़ की करेंसी भी कोरोना को पसंद है?

 

क्या नोट कोरोना फैलाने में मदद कर सकते हैं?

भारत में कोरोना संक्रमण तेज़ी से तो नहीं फैला है लेकिन इसका फैलना बढ़ता ही जा रहा है जो कि चिंताजनक बात है. अब तक कोरोना संक्रमण के डेढ़ सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और तीन लोगो की जान भी कोरोना के कारण जा चुकी है. इसी बीच अचानक सबका ध्यान इस ज़रूरी बात पर गया है कि रोज़ इस्तेमाल में आ रहे हमारे कागज़ के नोट भी तो कहीं कोरोना वायरस को फैलने में मदद तो नहीं कर रहे हैं. 

डॉक्टर्स ने कहा - हां, बिलकुल

2015 में किए गए एक शोध का हवाला देते हुए डॉक्टर्स का कहना है कि करेंसी नोट न केवल कोरोना वायरस को अपितु करीब 78 तरह की बीमारियां फैलाने में समर्थ हैं. हमारे कागज़ के नोटों में वैक्टीरिया और वायरस भी होते हैं जो गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं. डॉक्टर्स ने बताया कि हमारे करेंसी नोटों पर सूक्ष्म जीव भी प्रायः एक स्थान से दुसरे स्थान की यात्रा करते रहते हैं. इसलिए सावधानी रखना आवश्यक है. 

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा - सम्भव है 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस प्रश्न का सीधा उत्तर नहीं दिया. संगठन के प्रतिनिधि ने बताया कि करेंसी नोटों से वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है. लेकिन हम ये नहीं कहते हैं कि बैंक नोट, कोरोना वायरस को फैला सकते हैं. उन्होंने आगे इसमें जोड़ा कि जो भी हो, अच्छी हाइजीन की प्रैक्टिस तो यही  कहती है कि जब भी कैश का इस्तेमाल करें तो उसके बाद हाथ जरूर धोने चाहिए, विशेषकर भोजन से पहले. 

डिजिटल लेनदेन का विकल्प सर्वोत्तम 

रिज़र्व बैंक ने डिजिटल लेनदेन को इस स्थिति में सर्वोत्तम विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है. बैंक का कहना है कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सोशल कॉन्टैक्ट को कम करने के उद्देश्य से हमें नोट से पेमेंट की जगह डिजिटल पेमेंट का तरीका अपनाना होगा. इसके लिए अपनी सहुलियत से हम मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे डिजिटल पेमेंट मोड इस्तेमाल में ला सकते हैं. आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट के लिए NEFT, IMPS, UPI और BBPS फंड ट्रांसफर की सुविधा के विकल्प गिनाये. 

 

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