ऑटो-टैक्सी वाले माने पर इनकी हड़ताल अब भी जारी, दिल्लीवाले हो रहे परेशान

Ola-Uber Strike in Delhi: सीएनजी की कीमतों में सब्सिडी और किराया दरों में संशोधन की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में उबर और ओला जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं से जुड़े चालकों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 19, 2022, 05:45 PM IST
  • ऐप आधारित कैब चालकों की हड़ताल जारी
  • कैब चालकों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन
ऑटो-टैक्सी वाले माने पर इनकी हड़ताल अब भी जारी, दिल्लीवाले हो रहे परेशान

नई दिल्लीः Ola-Uber Strike in Delhi: सीएनजी की कीमतों में सब्सिडी और किराया दरों में संशोधन की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में उबर और ओला जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं से जुड़े चालकों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही.

ऐप आधारित कैब चालकों की हड़ताल जारी
हालांकि, सोमवार को हड़ताल का हिस्सा रहे ऑटो-रिक्शा और पीली-काली टैक्सी यूनियन ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया, जिससे दिल्लीवासियों को राहत मिली है. लेकिन, ऐप-आधारित कैब के सड़कों से नदारद होने के कारण कई लोगों को सवारी वाहन की अनुपलब्धता और बढ़ती मांग की वजह से अधिक किराए के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. 

एक यात्री ने साझा की अपने परेशानी
एक यात्री नीलेश कुमार ने कहा, ‘मैं मयूर विहार से नोएडा फिल्म सिटी में अपने कार्यालय के लिए एक कैब बुक करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन हड़ताल के कारण किराया अधिक है. मैं आमतौर पर लगभग 300 रुपये का भुगतान करता हूं, लेकिन आज अनुमानित किराया लगभग 700 रुपये आ रहा है.’ 

ऑटो रिक्शा और काली-पीली टैक्सी की सेवाएं बहाल होने से हालांकि हड़ताल का असर मंगलवार को थोड़ा कम दिखा. अन्य एक यात्री दीपिका चौधरी ने कहा, ‘कैब बुक करने की कोशिश की, लेकिन उसके लिए इंतजार का समय 15-20 मिनट और किराया भी अधिक आ रहा था. इसलिए मैंने एम्स से लाजपत नगर तक के लिए ऑटो कर लिया.’ 

ऐप-आधारित कैब सेवाओं से जुड़े चालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ‘सर्वोदय ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन दिल्ली’ के अध्यक्ष रवि राठौड़ ने कहा कि हड़ताल जारी रखने या स्थगित करने पर फैसला शाम को लिया जाएगा. 

कैब चालकों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन
कैब चालकों ने अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया. राठौड़ ने बताया, ‘ओला, उबर कैब आज सड़कों पर नहीं चल रही हैं. शाम को भविष्य की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा.’ राठौड़ ने कहा कि सीएनजी पर सब्सिडी के अलावा सरकार को किराए में संशोधन पर भी विचार करना चाहिए. 

उन्होंने कहा, ‘ईंधन की कीमत बढ़ने के बाद ऑटो और कैब चालकों के लिए काफी मुश्किलें बढ़ गई हैं. शहर में काफी लंबे समय से ऐप-आधारित कैब के किराये में संशोधन नहीं किया गया है. सीएनजी के दाम में इतनी बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार को किराया भी बढ़ाना चाहिए.’

 

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