नई दिल्ली. भारतीय उद्दोग परिसंघ ने सरकार से ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल, एलपीजी के साथ बिजली को भी जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी की है. अगर सरकार भारतीय उद्दोग परिसंघ की इस बात को मान लेती है तो पेट्रोल-डीजल के साथ बिजली भी सस्ती हो जाएगी. इसके अलावा भारतीय उद्दोग परिसंघ ने जीएसटी स्लैब को 4 से घटा कर तीन करने की बात भी कही है.
क्या कहा भारतीय उद्दोग परिसंघ ने
भारतीय उद्दोग परिसंघ कहा कि माल एवं सेवा कर को अधिक सरल बनाने के लिए कुछ असंगतियों को दूर करना होगा और बिजली, ईंधन जैसे उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा है कि, अगर हम ऐसा करते हैं, तो जीएसटी की संरचना अधिक सरल होगी, लागत में कमी आएगी और उद्योग जगत अधिक प्रतिस्पर्द्धी हो पाएगा.
सस्ता हो जाएगा ईंधन और बिजली
बता दें कि काफी लंबे वक्त से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल करने की मांग की जा रही है. अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल किया जाता है तो इस पर अधिकतम 28 फीसदी का ही टैक्स लगेगा. जिससे जनता को सस्ता पेट्रोल-डीजल मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.
अभी कितना लगता है टैक्स
बता दें कि, पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अलगद अलग टैक्स वसूला जाता है. केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क और सेस लगाया जाता है. जबकि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट यानी बिक्री कर लगाती है.
मार्च में पेट्रोल और डीजल की कीमतें दोबारा से बढ़ना शुरू हुई थीं. तो अगर मार्च 2022 के हिसाब से देखें तो पेट्रोल और डीजल पर फिलहाल कुल मिलाकर 46 फीसदी का टैक्स चुकाना होता है.
यही सबसे बड़ी वजह जो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने की मांग की जा रही है. अगर ईंधन को जीएसटी दायरे में लाया जाता है तो इस पर अधिकतम टैक्स 28 फीसदी का हो जाएगा.
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