हरिद्वार: हरिद्वार में 2021 में होने वाले महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं. इसके लिए मेला प्रशासन और राज्य सरकार पूरे प्रयास में जुटा हुआ है.
मेला क्षेत्र में तेजी से जारी है काम
विश्व प्रसिद्ध धर्म नगरी हरिद्वार हर की पौड़ी पर कुम्भ का आयोजन किया जाना है, जिसको लेकर पूरे मेला क्षेत्र में कार्य तेजी से चल रहे है. कई पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जगह-जगह बिजली के तारों को जमीन के अंदर करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है.
तेजी से जारी है कुंभ मेले का काम
कुम्भ के कार्यों को लेकर जब कुम्भ के अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, कुंभ कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं. जिसमे से अब तक 80 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इस बार कुंभ मेले में 39 कार्यों की स्वीकृति की गई थी, जिसमें सभी कार्य तेजी से जारी हैं.
उन्होंने बताया कि, मेले में कई स्थाई व कई अस्थाई कार्य किये जाने हैं. जिसमें की स्थाई कार्यों के लिए मेला प्रशासन को ओर से पैसों की जरूरत पड़ सकती है. गौरतलब है कि, सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार से कुंभ कार्यों को प्रगतिशील बनाये रखने व राज्य के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटन करने का आग्रह किया है.
पुरोहितों और पुजारियों ने जताया काम को लेकर संतोष
कुंभ कार्यों को लेकर यहां की तीर्थ पुरोहित व सामाजिक कार्यकर्ता में काफी उत्सुकता नजर आ रही है. उनका कहना है कि, यह धार्मिक नगरी है और बड़े ही सौभाग्य की बात है कि महाकुंभ जैसे बड़े मेले का आयोजन हरिद्वार की पावन भूमि पर होना है. वर्षों से चले आ रहे इस पौराणिक मान्यताओं को बनाये रखने के लिए सरकार लगातार अथक प्रयास करती है.
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार भी मेले को सफल बनाने के लिए तत्पर है.
कई तरह के निर्माण कार्य जारी हैं
कुंभ मेले को देखते हुए हरिद्वार में कई स्थायी व अस्थायी निर्माण होने वाले हैं. जिनका लाभ यहां के निवासियों के साथ साथ मेले में आ रहे यात्रियों को मिलेगा. केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपये की मांग को पूरा करेगी. जिससे कि यहां की सौन्दर्यकरण सहित कई कार्य किये जाने है.
वहीं साधु संतों का कहना है कि कुम्भ के लिए एक हजार करोड़ भी कम हैं, क्योंकि जिस तरह से यहां सड़के पुल व घाटों के साथ ही फ्लाईओवर का कार्य होना है, उसको देखते हुए केंद्र सरकार को उदारता दिखाते हुए अधिक से अधिक पैसा देना चाहिए