जंग की आशंका से थर्राए दुनिया भर के शेयर बाजार

ईरान और अमेरिका में तनाव का असर सोमवार को दुनिया भर के शेयर कारोबार पर दिखा. सप्ताह की शुरुआत में खाड़ी क्षेत्र में जंग के हालातों को देखते हुए निवेशकों ने बाजार से पैसे निकालना शुरु कर दिया. जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजारों में कुछ ही घंटों में 3 लाख करोड़ स्वाहा हो गए.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 6, 2020, 06:41 PM IST
    • दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट
    • बिकवाली से गिरा बाजार
    • रुपया भी दयनीय स्थिति में
    • कच्चा तेल भी है बाजार गिरने का जिम्मेदार
जंग की आशंका से थर्राए दुनिया भर के शेयर बाजार

नई दिल्ली: कारोबारी सत्र के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई.  बीएसई(BSE) का सेंसेक्स 787.98 अंकों (1.90%) की गिरावट के साथ 40,676.63 पर क्लोज हुआ. जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में 233.60 अंक यानी 1.91फीसदी की गिरावट देखी गई. यह 11,993.05 पर बंद हुआ. 

दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट
ईरान अमेरिका का तनाव पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर भारी पड़ा.  जापान के निक्केई में लगभग 2 फीसदी की गिरावट देखी गई. चीन के बाजार में भी गिरावट जारी रही. जबकि ऑस्ट्रेलियाई बाजार भी झटके खाता दिखाई दिया. 

बिकवाली से गिरा बाजार 
अमेरिका तथा ईरान के बीच तनाव बढ़ने की वजह से घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों ने अपने पैसे निकालना शुरु कर गिया है. जिसकी वजह से बाजार में भारी बिकवाली का दौर दिखाई दिया. सोमवार को शेयर बाजारों में ध्वस्त होने का प्रमुख कारण निवेशकों में बिकवाली की प्रवृत्ति रही. 

रुपया भी दयनीय स्थिति में
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तनाव की वजह से डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई. यह एक डॉलर के मुकाबले 72 के स्तर से भी नीचे पहुंच गया. सोमवार की  सुबह 9.53 बजे डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे की गिरावट के साथ 72.08 के स्तर पर पहुंच गया था. शाम तक रुपए में 31 पैसे की गिरावट दर्ज की गई और यह 72.11 रुपए प्रति अमेरिकी डॉलर पर आ गया.  बाजार में लोग करेंसी से ज्यादा सोने पर भरोसा कर रहे हैं. जिसकी वजह से सोने के दाम में भारी बढ़ोत्तरी देखी गई। 

कच्चा तेल भी है बाजार गिरने का जिम्मेदार 
अमेरिका ईरान के बीच इराक की धरती पर तनाव चल रहा है. ईरान और इराक दोनों तेल उत्पादक देश हैं. उनके विवाद में फंसने की वजह से घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 3.53 फीसदी बढ़ गई हैं.  अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 70 डॉलर का स्तर पार कर गई. क्रूड ऑइल की कीमत प्रति बैरल 70.49 डॉलर पर पहुंच गई है. जिसका असर शेयर बाजारों पर देखा गया. 

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