19 की उम्र में रचा सबसे बड़ा रिकॉर्ड, फिर भी नहीं मिली इज्जत और 17 मैच में खत्म हो गया करियर

भारतीय टीम में कई ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी हुए हैं जिनके टैलेंट को कभी इज्जत नहीं मिली. ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट की दुनिया में अचानक सितारे बन गए लेकिन कुछ ही समय में खत्म भी कर दिए गए.

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : Jan 15, 2022, 08:22 AM IST
  • 19 साल की उम्र में हिरवानी ने किया डेब्यू
  • 17 टेस्ट में ही खत्म हो गया करियर
19 की उम्र में रचा सबसे बड़ा रिकॉर्ड, फिर भी नहीं मिली इज्जत और 17 मैच में खत्म हो गया करियर

नई दिल्ली: भारतीय टीम में कई ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी हुए हैं जिनके टैलेंट को कभी इज्जत नहीं मिली. ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट की दुनिया में अचानक सितारे बन गए लेकिन कुछ ही समय में खत्म भी कर दिए गए.

हम बात कर रहे हैं गोरखपुर की जमीन से निकले करिश्माई स्पिनर नरेंद्र हिरवानी की. नरेंद्र हिरवानी ने आने डेब्यू मैच में जो कमाल किया वो आज तक कोई भारतीय नहीं दोहरा सका.

1988 में हिरवानी ने किया ड्रीम डेब्यू

वेस्टइंडीज के खिलाफ 1988 में नरेंद्र हिरवानी ने ऐतिहासिक डेब्यू किया. उन्होंने अपने पहले टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर 16 विकेट झटके.

हालांकि वैसी ही एक झलक उससे काफी पहले 1895 में देखने को मिली थी. ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए एलबर्ट ट्रॉट ने इंग्लैंड के खिलाफ एडिलेड के मैदान पर अपने करियर की पहली पारी में 43 रन देकर 8 विकेट झटके थे.

वो कमाल भी 15 जनवरी को ही हुआ था लेकिन किसी को क्या पता था कि 93 साल बाद 1988 में एक युवा भारतीय स्पिनर दोनों पारियों में 8-8 विकेट लेकर उससे भी बड़ा कुछ कर दिखाएगा. नरेंद्र हिरवानी ने 15 जनवरी 1988 को इतिहास रचा था.

19 साल की उम्र में हिरवानी ने किया डेब्यू

वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई की पिच पर 19 साल के नरेंद्र ने मैच में 136 रन देकर 16 विकेट झटके थे. पहले ही मैच में नरेंद्र हिरवानी ने गेंदबाजी का ऐसा जौहर दिखाया कि अच्छे-अच्छे खिलाड़ी भौचक्के रहे गए. जिन लोगों ने इस मैच को लाइव देखा था. उन्हें आज भी नरेंद्र हिरवानी की गेंदबाजी याद है. उनके जैसे स्पिनर आज भी क्रिकेट में नहीं आये.

17 टेस्ट में ही खत्म हो गया करियर

दुर्भाग्य की बात ये है कि नरेंद्र हिरवानी का टेस्ट करियर केवल 17 मैचों में ही खत्म हो गया. उन्होंने 17 टेस्ट में 66 विकेट चटकाए. नरेंद्र हिरवानी ने आखिरी टेस्ट 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में खेला था. इसके बाद उन्हें कभी इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. रवि शास्त्री की कप्तानी में उन्होंने ऐतिहासिक डेब्यू किया था.

18 वनडे मैच में उनके नाम 23 विकेट दर्ज है. उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच 1996 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला. प्रथम श्रेणी मैचों में हिरवानी ने 167 मैच में 732 विकेट लिए हैं.

साल 1972 में ऑस्ट्रेलियाई टीम के गेंदबाज बॉब मैसी ने डेब्यू टेस्ट मैच में 16 विकेट अपने नाम किए थे. हालांकि, उन्होंने 137 रन खर्च कर इतने विकेट चटकाए थे जबकि भारतीय स्पिनर नरेंद्र हिरवानी ने 136 रन देकर 16 विकेट लिए थे जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बॉब मैसी और नरेंद्र हिरवानी ही दो ऐसे गेंदबाज हैं.

यह भी पढ़िए: पुजारा- रहाणे का क्या होगा? विराट कोहली बोले- इनसे पूछो...

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.
 

ट्रेंडिंग न्यूज़