नई दिल्ली: यूनानी चिकित्सा पद्धति से उपचार करने वाले चिकित्सकों ने सरकार से खुद को सर्जरी करने का अधिकार देने की मांग की है. हालांकि सरकार ने यूनानी चिकित्सकों की इस मांग पर क्या फैसला किया है इस पर अभी जानकारी का आना बाकी है.
यूनानी चिकित्सकों के संगठन ने की ये मांग
यूनानी चिकित्सकों के संगठन ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से आयुर्वेद की तरह ही यूनानी चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार देने और यूनानी चिकित्सा के लिए अलग बोर्ड बनाने की मांग की. संगठन ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि सोनोवाल ने ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के उपाध्यक्ष डॉ एस. एम. हुसैन के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि यूनानी चिकित्सा पद्धति के विकास के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी.
राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा विश्वविद्यालय खोलने की मांग
बयान में संगठन के महासचिव डॉ सैयद अहमद खान ने कहा, “ मंत्री से यूनानी चिकित्सा का अलग से बोर्ड बनाए जाने, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना करने, सीजीएचएस के तहत हर राज्य में यूनानी डिस्पेंसरी खोलने, आयुर्वेद की तरह यूनानी में भी सर्जरी का अधिकार दिए जाने की मांग की गई. केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन ने 19 नवंबर 2020 को एक अधिसूचना जारी की थी . इसमें 58 तरह की शल्यक्रिया यानी सर्जरी का उल्लेख था, जो पोस्ट ग्रैजुएट आयुर्वेदिक चिकित्सक कर सकते हैं.
क्या है यूनानी चिकित्सा पद्धति
आयूष मंत्रालय की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार यूनानी एक व्यापक चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य और बीमारियों के विभिन्न राज्यों के उपचार से संबंधित है. यह प्रचारक, उपचारात्मक, निवारक और पुनर्वास संबंधी स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित है. चिकित्सा की इस प्रणाली का निदान और उपचार विभिन्न समग्र अवधारणाओं और स्वास्थ्य और उपचार के वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है.
यह एक व्यक्ति और उसके पर्यावरण के बीच संबंध को ध्यान में रखता है, मन, शरीर और आत्मा के स्वास्थ्य पर जोर देता है. चिकित्सा की यूनानी प्रणाली में, स्वभाव, या व्यक्ति का मिजाज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. व्यक्ति के लिए सबसे उपयुक्त आहार और जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए स्वभाव पर ध्यान दिया जाता है. चिकित्सा की यूनानी प्रणाली में, उपचार के कुछ महत्वपूर्ण भाग न्यूट्राट्यूटिक्स, एरोमैटिक्स, कोस्मोसुटिक्स और इसी उपचार हैं.
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