नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली हर दिवाली के बाद गैस चेंबर बन जाती है. इसलिए इस बार भी लोगों को चिंता सता रही है कि पटाखे फूटने के बाद दिल्ली की हवा दम घोंटू न बन जाए. इस बीच दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए नए नियम लागू हो गए हैं. दरअसल दिल्ली में एक्यूआई 301 से 400 के बीच होने पर GRAP (Graded Response Action Plan) का स्टेज 2 लागू हो जाता है. कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (Commission for air quality management) की ओर से ये नए नियम लागू किए जाते हैं.
CAQM का अनुमान है कि 22 अक्टूबर से दिल्ली की हवा बेहद खराब की श्रेणी में होगी. 24 अक्टूबर दीवाली होने पर हालात और खराब हो सकते हैं.
क्या हैं गाइडलाइंस
-हर जगह पर डीजल जेनसेट बैन
-सोसायटी भी पावर बैकअप के लिए नहीं इस्तेमाल कर सकती डीजल जेनसेट
-धूल फैलाने वाली हर एक्टिविटी पर लगाम.
-500 गज से ज्यादा में निर्माण और तोड़ फोड़ नहीं कर सकते.
-लकड़ी का अलाव और कोयला नहीं जला सकते.
-रेस्टोरेंट भी तंदूर के लिए इन दोनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
-RWA से कहा गया है कि सिक्योरिटी स्टाफ को इलेक्ट्रिक हीटर दिए जाए
-लोगों से अपील, सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें.
सिर्फ इन जगहों पर जेनसेट चलाने की छूट
चिकित्सा सेवाएं (अस्पताल/नर्सिंग होम/स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं) जिसमें जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों/उपकरणों, दवाओं और दवाओं के निर्माण में शामिल इकाइयां शामिल हैं
-विभिन्न में लिफ्ट / एस्केलेटर / ट्रैवललेटर आदि प्रतिष्ठान.
-रेलवे सेवाएं / रेलवे स्टेशन.
-स्टेशनों सहित मेट्रो रेल सेवाएं.
-हवाई अड्डे और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल.
-गंदा पानी साफ़ करने के संयंत्र.
-पानी पंपिंग स्टेशन.
-राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियाँ.
-राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं.
-दूरसंचार / डाटा सेवाएं.
-कुछ जरूरी इंडस्ट्रियल सेक्टर में पाबंदी नहीं
-CNG/PNG/LPG वाले डीजी सेट चल सकते हैं.
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