ऑटो मोबाइल्स वर्कशाप की छत को बनाकर खेत, इंजीनियर बना जैविक खेती का गुरु

केरल तिरुवनन्तपुरम के रहने वाले रविन्द्रन ने सऊदी अरब में मिली साल 1996 में आटो मोबाइल्स की नौकरी छोड़कर, देश लौट तिरुवनन्तपुरम में नेशनल हाइवे के नजदीक 1500 स्क्वायर फीट जमीन खरीद कर आटोमोबाइल्स का वर्कशाप खोल काम करने लगे. इसी दौरान एक दिन रविन्द्रन जी को किसी वजह से तिरुवनन्तपुरम स्थित रीजनल कैंसर हॉस्पिटल जाना हुआ, जहां पर उन्होनें देखा की कैंसर पीड़ित 100 मरीजों में से 90 लोगों को कैंसर की बीमारी डेली दूषित अनाज, फल, और सब्जियां के खाने से हुआ हैं क्योंकि केमिकल खाद और दवाओं से तैयार फसल के उपज में इन घातक रसायन की ज़हरीली उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. जिसको खाने से लोग घातक बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं.

केरल तिरुवनन्तपुरम के रहने वाले रविन्द्रन ने सऊदी अरब में मिली साल 1996 में आटो मोबाइल्स की नौकरी छोड़कर, देश लौट तिरुवनन्तपुरम में नेशनल हाइवे के नजदीक 1500 स्क्वायर फीट जमीन खरीद कर आटोमोबाइल्स का वर्कशाप खोल काम करने लगे. इसी दौरान एक दिन रविन्द्रन जी को किसी वजह से तिरुवनन्तपुरम स्थित रीजनल कैंसर हॉस्पिटल जाना हुआ, जहां पर उन्होनें देखा की कैंसर पीड़ित 100 मरीजों में से 90 लोगों को कैंसर की बीमारी डेली दूषित अनाज, फल, और सब्जियां के खाने से हुआ हैं क्योंकि केमिकल खाद और दवाओं से तैयार फसल के उपज में इन घातक रसायन की ज़हरीली उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. जिसको खाने से लोग घातक बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं.

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