दिल पर रखें नज़र, कभी भी पड़ सकता है दौरा

चुपके-चुपके दबे पांव आता है हार्ट अटैक लेकिन उसके पहले वह दस्तक देता है बेआवाज़ और बिना बोले ये भी कहता है कि आ रहा हूँ बहुत जल्दी..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 2, 2020, 07:00 PM IST
    • सीने में दर्द है लक्षण नंबर वन
    • हार्ट अटैक का दूसरा लक्षण
    • आजकल बदल गये हैं लक्षण
    • ब्रिटेन में हुए शोध से पता चला
    • पचास हजार दिल के मरीजों पर हुआ है यह शोध
    • आजकल ईसीजी के दौरान सामने आते हैं मामले
दिल पर रखें नज़र, कभी भी पड़ सकता है दौरा

नई दिल्ली.   दिल बेचारा है और हार्ट अटैक का मारा है. किसी को भी कभी भी आ सकता है हार्ट अटैक. लेकिन दिल का दौरा पड़ने से पहले उसके आने की आहट भी मिलती है लेकिन अक्सर ऐसी आहटों को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है जो कि किसी भी दिन किसी को भी भारी पड़ सकता है. बेहतर है दिल के स्वास्थ्य पर नजर अपने स्वास्थ्य से पहले रखें.

 

सीने में दर्द है लक्षण नंबर वन

जब भी कभी सीने में दर्द हो तो उसे बेदर्दी के साथ नज़रअंदाज़ न करें. ये दस्तक हो सकती है बड़े खतरे की जिसे कहा जाता है दिल का दौरा. बर्मिंघम में हुआ एक शोध का परिणाम बताता है कि पचास फीसदी दिल के दौरे ही सीने में असहनीय दर्द दे कर आते है अर्थात पचास फीसदी मामलों में लक्षण दूसरे होते हैं.

हार्ट अटैक का दूसरा लक्षण

बर्मिंघम के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में हुआ ये हालिया अध्ययन ये भी बताता है कि ब्रिटेन में हर साल सामने आने वाले हार्ट अटैक के आधे मामलों में सीने के दर्द की शिकायत होती ही नहीं है बल्कि मरीजों के शरीर में सुस्ती, थकान या कमजोरी की समस्या पैदा होती है जो बाद में दिल के दौरे की वजह बन जाती है.

 

अब बदल गये हैं लक्षण

ब्रिटेन के पचास हजार दिल के मरीजों पर हुआ यह अध्ययन बताता है कि आजकल कई देशों में एसएमआई अर्थात ‘साइलेंट म्योकार्डियल इनफैक्शन’ के रोगियों की संख्या बढ़ रही है. ‘एसएमआई’ में मरीज को  हार्ट अटैक की आहट सुनाई नहीं देती और आमतौर पर होने वाले सीने में दर्द, बाजू में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और काफी ज्यादा पसीना आने जैसी शिकायतें नजर नहीं आतीं.

ईसीजी में सामने आते हैं मामले

इस शोध ने ये भी बताया की ‘एसएमआई’ के अधिकतर मामले तब पता चलते हैं जब किसी कारण से ऑपरेशन के लिये रोगी अस्पताल में भर्ती होता है. उस समय जब उसका ईसीजी किया जाता है तो उसमें उसकी हृदय कोशिकाओं को ठीक वैसी ही क्षति देखने को मिलती है, जैसी कि दिल का दौरा पड़ने से होती है.

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