नई दिल्ली: अमेजन रेनफॉरेस्ट की गहराई में दुनिया का सबसे बड़ा सांप देखा गया है. यह सांप इंसान से 3 गुना ज्यादा वजनी और कार के टायर जितना मोटा बताया गया है. इसका वजन लगभग 200kg के आस-पास है. यह 26 फीट लंबा है और इसका सिर इंसानी सिर जितना ही बराबर है. उत्तरी हरे एनाकोंडा नाम का यह विशाल सांप TV वाइल्डलाइफ प्रेजेंटर प्रोफेसर फ्रीक वॉन्क को ब्राजील के सुदूर इलाके में मिला. इससे पहले सांप की सबसे बड़ी प्रजाति रेटिकुलेटेड अजगर मानी जाती थी, जिसकी लंबाई औसतन 20ft और 5 इंच है.
पानी में तैरता मिला सांप
साइंटिफिक मैग्जीन 'डायविर्सिटी' में उत्तरी ग्रीन एनाकोंडा को लेकर 16 फरवरी को एक रिसर्च पब्लिश की गई थी. इसमें डच बायोलॉजिस्ट प्रोफेसर वोंक को समुद्र में एक बड़े से सांप के साथ तैरते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने कहा,' यह सांप 26ft लंबा और 200kg का है.' उन्होंने बताया, '9 देशों के 14 वैज्ञानिकों के साथ मिलकर हमने विश्व की सबसे बड़ी सांप प्रजाति ग्रीन एनाकोंडा की खोज की है.' @DennD68 नाम के एक यूजर ने इसका वीडियो 'X'पर शेयर किया है.
The world's largest snake has been discovered in the Amazon Rainforest: The Northern Green Anaconda measures 26 feet long and weighs 440 lbs - and its head is the same size as a human's. pic.twitter.com/XlaDk0qVYt
— Denn Dunham (@DennD68) February 21, 2024
कैसे अलग हैं सांपों की प्रजाति
प्रोफेसर वोंक ने आगे कहा कि जैसे कि हम सभी फिल्मों और कहानियों के जरिए जानते हैं कि दुनिया में अलग-अलग सांप की प्रजाति पाई जाती है, हालांकि ये सिर्फ 2 ही प्रजातियां हैं. सूरीनाम, वेनेजुएला और फ्रेंच गुयाना समेत साउथ अमेरिका में अपने बॉर्डर के नॉर्थ में पाए जाने वाले हरे एनाकोंडा पूरी तरह से अलग प्रजाति के लगते हैं, हालांकि पहली नजर में ये सभी देखने में करीबन एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनके बीच 5.5 प्रतिशत आनुवंशिक अंतर है, जो वाकई में काफी बड़ा है. एक चिंपाजी और मनुष्य में सिर्फ 2 प्रतिशत ही आनुवंशिक अंतर है.
सांपों को बचाने के लिए बचाने होंगे जंगल
प्रोफेसर वोंक का कहना है कि उन्होंने इस नए प्रजाति के सांप का लैटिन में नाम यूनेक्टेस अकायिमा, नॉर्दर्न ग्रीन एनाकोंडा रखा है. अकायिमा शब्द का मतलब महान सांप होता है, जो उत्तरी दक्षिण अमेरिका की कई देसी भाषाओं से लिया गया है. वहीं उन्होंने इन क्षेत्रों में क्लाइमेंट चेंज के प्रभाव को लेकर भी बात कही. उन्होंने कहा कि अमेजन क्षेत्र क्लाइमेंट चेंज और लगातार जंगलों की हो रही कटाई के कारण गंभीर दबाव में है. अमेजन का 5वां हिस्सा पहले ही गायब हो चुका है, जो नीदरलैंड के क्षेत्रफल से 30 गुना से भी ज्यादा है. इन बड़े सांपो का अस्तित्व प्रकृति की रक्षा से अटूट रूप से जुड़ा हुआ है.
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